मंदसौर 10 फरवरी 22/ किसान अब परम्परागत खेती को छोड़कर नई तकनीक अपना रहे है। आधुनिक और अंतरवर्तीय खेती कर रहे है। इन्हीं में से एक मंदसौर जिले के गांव अमलावद के किसान श्री सुनील पाटीदार आधुनिक पद्धति से खेती कर रहे है। यह बताते हैं कि पहले उन्हें आधुनिक पद्धति से खेती कैसे की जाए। इसके बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं थी। लेकिन उन्होंने कृषि विभाग से संपर्क किया तथा वहां से उन्हें इसकी जानकारी मिली, कि आज के समय में किस तरह से आधुनिक पद्धति से खेती की जा सकती हैं। वह भी कम लागत तथा कम पानी के साथ। इस तकनीक से मुनाफा बहुत अधिक कमाया जा सकता है। किसान श्री सुनील को कृषि विभाग के माध्यम से आधुनिक पद्धति से खेती करने के लिए फुव्वारे प्राप्त हुए। फुव्वारे के लिए सरकार की किसान कल्याण योजना के माध्यम से सब्सिडी भी मिली। अब ये फुव्वारे के माध्यम से अपनी खेती कर रहे हैं। वर्तमान में इन्होंने फुव्वारे लहसुन की फसल में लगा रखे हैं। उन्होंने कुल 4 बीघे में लहसुन की फसल लगाई है। यह कहते हैं कि लहसुन का पैदावार अधिक होता है एवं लहसुन भी बड़ी निकलती है। इसके साथ ही पानी की भी कम से कम आवश्यकता होती है। साथ ही लहसुन में कीट भी कम से कम गिरते हैं। जिससे अन्य दवाइयों के छिड़काव की भी आवश्यकता नहीं होती है। इस तरह की खेती करने से इसके दो लाभ हुवे पहला उत्पादन बड़ा एवं दूसरा लागत कम हुई।
इसके साथ ही किसान श्री सुनील ड्रिप सिंचाई के माध्यम से भी खेती करते हैं। ड्रिप सिंचाई का लाभ भी इनको किसान कल्याण योजना के माध्यम से मिला। इन्होंने कुल 2 बीघा में तरबूज लगा रखे हैं। जिसमें यह ड्रिप सिंचाई के द्वारा तरबूज की खेती करेंगे। ड्रिप सिंचाई में पानी की बहुत ही कम आवश्यकता होती हैं तथा कम से कम पानी में बहुत अच्छी खेती की जा सकती हैं। कृषि के क्षेत्र में इनकी यह उन्नति अन्य कृषकों के लिए प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करेगी। शासन की योजनाओं का लाभ मिलने से वे बहुत खुश हैं तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को हृदय से धन्यवाद दे रहे हैं।
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