मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिलें में 2346 सामुदायिक सोख पीट, हैंडपंप सोख पीट और लीच पीट बनाने का लक्ष्य है। जिसमें से अब तक 647 बनकर तैयार हो गए है। ये स्ट्रक्चर ऐसे स्थानों पर बनाए गए है जहाँ हमेशा गंदा पानी एकत्रित रहता है। जैसे हैंड पंप के आसपास या कुडाकरकट वाला क्षेत्र होता है। ये स्ट्रक्चर ऐसे स्त्रोत से जोड़ दिए जाते है। जिससे गंदगी भी दूरी होती है और जल भी जमीन में जाता है। खासकर गॉवों में एक स्थान पर गंदे जल में कई प्रकार के मच्छर और कीड़े पनपते है। ऐसे स्ट्रक्चर से मलेरियॉ और डेंगू जैसी बिमारियों से भी मुक्ति मिलती है। जिला पंचायत सीईओ श्री दिव्यांक सिंह ने बताया गया कि 2 फरवरी 2005 को मनरेगा अधिनियम लागू हुआ था। आज इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में न सिर्फ रोजगार उपलब्ध हो रहे है बल्कि कई आधारभूत संरचनाएँ बनकर तैयार हुई है। इसमें जल संरक्षण और स्वच्छता में बड़े अच्छे परिणाम देखने में आ रहे हैं।
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