श्री धनराजू ने कहा कि शाला समितियों के प्रशिक्षण में कम्युनिकेशन गेप नहीं होना चाहिए। जिन भावनाओं से प्रशिक्षण सामग्री निर्मित की गई है उसका समुचित उपयोग करें। उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास होंगे कि आस-पास के स्कूलों के लिए आगामी सभी शाला स्तरीय प्रशिक्षण इन्ही स्कूलों में आयोजित किये जायें। जिससे एक्टिव मोड में सजीव प्रशिक्षण प्रदान किये जा सकें। प्रदेश के 26 जिलों के सहायक परियोजना समन्वयक, मोबिलाइजेशन एवं राज्य स्रोत्र समूह के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
शाला प्रबंधन समितियों को विद्यालय के विकास में सहभागिता के लिए करे प्रेरित
मंगलवार, फ़रवरी 22, 2022
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