होशंगाबाद/04,फरवरी,2022/ मौसम की प्रतिकूलता के कारण गेहूं फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप होने की संभावना रहती है। अतः किसान भाई अपने खेत की सतत निगरानी करें। यह कीट गेहूं फसल में पौधो की जड़ो से रस चूसता है जिसके कारण पौधा पीला पड़ने लगता है और धीरे-धीरे सूखने लगता है। शुरूआत में खेतों में जगह जगह पीले पडे़ हुए पौधे दिखाई देते है, बाद में पूरा खेत सूखने की संभावना रहती है।जड़ माहू कीट की पहचान
यह कीट हल्के पीले रंग से गहरे हरे रंग का होता है जो जड़ों का रस चूसता हुआ दिखाई पड़ता है। गेहूं के पौधो को जड़ से उखाडने पर ध्यानपूर्वक देखने से यह कीट आसानी से दिखाई देता है।
जड़ माहू कीट प्रबंधन
इस कीट के प्रबंधन हेतु इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल दवा की 70 एमएल मात्रा प्रति एकड अथवा एसीटोमेप्रिड 20 प्रतिशत एसपी दवा की 150 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ अथवा थायोमिथाक्जॉक 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी दवा की 50 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर पूरे खेत में अच्छी तरह से छिडकाव करें। यह दवाएं सिस्टेमिक प्रकार की होती है जिनसे पूरा पौधा जहरीला हो जाता हैं और जब कीट या रस चूसता है तो वह मर जाता है।
000
Please do not enter any spam link in the comment box.