विदिशा, दिनांक 26 फरवरी 2022
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने शनिवार को एसएटीआई कॉलेज के कैलाश सत्यार्थी
सभागृह में जिले के सभी विकासखण्डो में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारियों के अलावा ग्राम
स्तरीय अमले की संयुक्त बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा-निर्देश ही नहीं दिए बल्कि
उनके कार्य समय-सीमा में पूरे ना होने पर उन्हें दंडित करने की चेतावनी दी है।
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने प्रत्येक ग्राम पंचायत अपनी विशिष्ट उपलब्धि से जानी
जाए इसके लिए नवाचार कर परिणामों को परिलीक्षित करने की समझाईश उन्होंने दी है।
उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र हितग्राही योजना से वंचित न रहें यह हम सबका नैतिक
दायित्व है। कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि अधिकांश योजनाओं के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु
ग्रामीण हितग्राहियों को लाभान्वित करने से होती है। अतः गांव का विशेष वर्ग शासन की
महत्वकांक्षी योजना कार्यक्रम से लाभान्वित होकर अपने जीवन में परिवर्तन ला सके। यह
सफल प्रयास होना चाहिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से समय
पर सेवाएं संबंधित को मिलें। गांव पूर्ण स्वच्छ हों। शासकीय योजनाओं से स्वच्छता संबंधी
कार्य प्रदर्शित हों। उन्होंने ग्रामों में रात्रि विश्राम कर आमजनों की समस्याओं से अवगत
होने के निर्देश दिए हैं।कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि प्रत्येक अनुविभाग क्षेत्र में एसडीएम
के द्वारा समीक्षा बैठक आयोजित की जााती हैं। जिसमें समस्त खण्ड स्तरीय अमला
अनिवार्य रूप से उपस्थित हो। उन्होंने ऐसी समस्याएं जिनका निदान ग्राम, खण्ड स्तर पर
संभव है। वे सब उसी स्तर पर निराकृत हों। जनसुनवाई कार्यक्रम में ऐसे आवेदन प्राप्त न
हों जिनका निराकरण विकासखण्ड स्तर तक संभव था। उन्होंने क्षेत्रों का भ्रमण कर
विभागीय योजनाओं के साथ-साथ अन्य विभागों के सम्पादित कार्यों की भी जानकारी प्राप्त
कर सम्बंधित एसडीएम को अनिवार्य रूप से अवगत कराएं।गांव में छोटे-छोटे व्यवसाय
संचालन हों। ताकि आमजन अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शहरों की ओर
अग्रसर न हों। उन्होंने प्रत्येक गांव में शिल्पी, लौहार, बढ़ई, बाल काटने वाले को चिन्हित कर
एक सम्मानित स्थान पर गांव बाजार या व्यवसाय स्थान पर जगह आवंटित करने के
प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।8 मार्च को महिला दिवस पर प्रत्येक ग्राम में ग्राम
सभा आयोजित कर गांव के गौरव दिवस की तिथि निश्चित करें। इसके लिए उन्होंने नोडल
अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।जिला पंचायत सीईओ डॉ भरसट ने अधिकारियों
से कहा कि वे ग्रामीण विकास विभाग के कार्य तक ही सीमित ना रहे अन्य विभागों के
कार्यों की ओर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने ग्रीष्मकाल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के
संबंध में किसी प्रकार का संकट उत्पन्न ना हो इसके लिए पूर्व में ही व्यवस्थाएं सुनिश्चित
की जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र का एक भी हैंडपंप एक दिन से अधिक किन्हीं भी
कारणों से बंद ना हो यह जवाबदेही संबंधित विभाग के साथ-साथ ग्रामीण स्तरीय अमले
की भी होगी।जिला पंचायत सीईओ डॉ भरसट ने प्रत्येक विकासखंड में 20 से 30 ऐसी
पंचायतों का चिंतन किया जो विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में अन्य पंचायतों से
पिछड़ी है और प्रगति लाने के लिए और क्या सुधार संभव है। साथ ही उन कार्यों के
संपादन में उन्हें क्या दिक्कतें आ रही हैं इत्यादि की जानकारी उन्होंने संवाद कर प्राप्त की
हैं।जिला पंचायत सीईओ डॉक्टर भरसट ने जल जीवन मिशन के तहत संपादित किए जा
रहे कार्यों पर विशेष जोर देते हुए कहा कि समय सीमा में पूरा प्रोजेक्ट पूर्ण हो और हर
गांव के हर घर में नल से जल पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। पाइपलाइन की देखभाल
कनेक्शनों की देखभाल के अलावा समय अवधि पूर्ण होने पर संबंधित महिला स्व सहायता
समूह को नल जल के कार्य हेतु जिम्मेदारी सौंपने के प्रबंध सुनिश्चित किये जाएं। इसके
लिए बकायदा उन्हें प्रशिक्षित करने हेतु उन्होंने लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को
आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने कहा कि सीएम
हेल्पलाइन में अधिकांश शिकायतें ग्रामीण क्षेत्रों की दर्ज होती हैं। अतः संबंधित विभाग का
ग्राम स्तरीय अमला शिकायतों के निराकरण हेतु शिकायतकर्ता से अविलंब संपर्क करें और
उन्हें क्या समस्या है का समाधान निकालने का प्रयास करें।उपरोक्त बैठक में विभिन्न
विभागों के जिला अधिकारीगण तथा जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ श्री दयाशंकर सिंह
के अलावा सातों जनपदों के सीईओ, समस्त रोजगार सहायक, सचिव, सब इंजीनियर, सहायक
इंजीनियर, एपीओ, बीपीओ, समस्त ब्लाॅक समन्वयक मौजूद रहे।
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