कटनी. 03 फरवरी - मनरेगा स्थापना दिवस पर जिले में श्रमिकों के बीच पहुंचकर अधिकारियों ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें मनरेगा काम में लगे श्रमिकों को योजना का महत्व बताया गया और योजना को लेकर चर्चा की गई। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा निर्देश व जिला पंचायत सीईओ जगदीश चंद्र गोमे के मार्गदर्शन में जनपद पंचायत रीठी के ग्राम सिमराकला में मनरेगा कार्य में संलग्न श्रमिकों के बीच जनपद पंचायत के अधिकारी पहुंचे और श्रमिकों को मनरेगा योजना के महत्व की जानकारी दी। जनपद सीईओ ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने मजदूरों को बताया कि देश की सबसे बड़ी स्थानीय रोजगार उन्मूलक योजना का अधिनियम 2 अक्टूबर 2005 को पारित किया गया था। योजना की शुरूआत 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के बांदावली जिले के अनंतपुर नामक गांव से हुई। शुरूआत में इस योजना में लगभग 200 जिलों को सम्मिलित किया गया। बाद में 1 अप्रैल 2008 को पूरे भारत में मूल स्वरूप में इस योजना को लागू कर दिया गया।
उपस्थित श्रमिकों में से छोटीबाई, सुशीला बाई, महिला मेट संगीता बाई, श्यामलाल व अन्य श्रमिकों द्वारा योजना के क्रियांवयन को संतुष्टि व्यक्त की। मनरेगा योजना प्रभारी डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि मनरेगा योजना 2021-22 में जनपद पंचायत रीठी अंतर्गत 7.90 लाख मानव दिवस का अभी तक सृजन हुआ है। इस दौरान सहायक यंत्री केके गुप्ता, उपयंत्री अनिल जाटव, सचिव संतकुमार राय सहित मनरेगा श्रमिक मौजूद थे।
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