मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए रहने लायक छोड़ना है तो पौध-रोपण आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संस्था प्रतिनिधियों से बातचीत में बचपन में पेड़ों के आस-पास खेले जाने वाले "अंडा डावरी" और "आती पाती नीम की पाती" खेल का स्मरण किया।
जेएलयू संस्था, नगर निगम भोपाल के स्वच्छता एंबेसेडर के रूप में नियमित रूप से योगदान करती आ ऱही है। संस्था पर्यावरण-संरक्षण के लिए नागरिकों को पौध-रोपण और पेड़ों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाती है। हाल ही में विश्व रेडियो दिवस पर रोशनपुरा में ओन ग्राउंड इवेंट में स्वच्छता के सन्देश के साथ लोगों को रेडियो का महत्व समझाया गया। जेलयू द्वारा यूनीसेफ़ के साथ ‘‘ऑडियो लेटर्स’’ में बच्चों के लॉकडाउन के अनुभव साझा किये गये और ‘‘स्टोरी बोर्ड फॉर चिल्ड्रंस’’ में कहानियों का प्रसारण किया गया। इस रेडियो को छात्रों ने लॉक डाउन के दौरान वर्क फ्राम होम की तर्ज़ पर पढ़ाई के साथ चलाया।
पौधों का महत्व
आज लगाए गए गुलमोहर को विश्व के सुंदरतम वृक्षों में से एक माना जाता है। गुलमोहर की पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल, इस वृक्ष को अलग ही आकर्षण प्रदान करते हैं। गर्मी के दिनों में गुलमोहर के पेड़-पत्तियों की जगह फूलों से लदे हुए रहते हैं। यह औषधीय गुणों से भी समृद्ध है। करंज आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण माना गया है। करंज का उपयोग धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है।
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