प्रदेश में अभी 606 एंबुलेंस का संचालन जेडएचएल कंपनी कर रही है। नई कंपनी को 1002 एंबलेंस चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। वाहन खुद कंपनी को ही खरीदना है। पुराने वाहनों में सिर्फ उन्हीं को लिया जाएगा, जो ढाई लाख किमी से कम चले हैं। प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने और घर छोडऩे के लिए अभी 820 जननी एक्सप्रेस वाहन चल रहे हैं, जिनकी संख्या नए ठेके में 1050 हो जाएगी। वेंटिलेटर युक्त एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस अभी हर जिले में एक हैं। इनकी कुल संख्या 167 हो जाएगी।
डायल-100 की तर्ज पर लोकेशन चल जाएगी पता
नई कंपनी के आने के बाद एक बड़ी सुविधा यह भी हो जाएगी कि एंबुलेंस के लिए फोन करने वालों को पता नहीं बताना पड़ेगा। पुलिस के डायल-100 वाहनों की तर्ज पर एंबुलेंस के लिए फोन करने वाले की लोकेशन काल सेंटर पर पहुंचेगी, जहां आसानी से एंबुलेंस उस जगह पर पहुंच सकेगी। दूसरा फायदा यह होगा कि अब निजी अस्पताल के लिए भी किराये पर यह एंबुलेंस मिल सकेंगी। मोबाइल एप के माध्यम से एंबुलेंस बुलाने की सुविधा रहेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों ने बताया कि काल सेंटर की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी, जिससे काल वेंटिंग नहीं रहेगी। मौजूदा एंबुलेंस के मुकाबले नए वाहनों में जगह ज्यादा है। जननी एक्सप्रेस में भी ज्यादा सुविधाजनक वाहन चलेंगे।