बिलासपुर में जनपद पंचायत के प्यून और मंत्री के कथित PA के साथ मिलकर हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर 11 लाख 60 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने है। रुपए देने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने और रकम नहीं लौटाने पर पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की। इधरपुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला तखतपुर थाना क्षेत्र का है।

बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम ग्राम दुर्गडीह निवासी रामगोपाल यादव (54) ने पुलिस को बताया कि जरहागांव थाना क्षेत्र के ग्राम भथरी के शशिकांत जोशी उसके गांव के घासीराम सांडिल्य के घर आता था। इसके चलते रामगोपाल का शशिकांत से जान-पहचान हो गया। शशिकांत जनपद पंचायत बिल्हा में चपरासी है। अक्टूबर 2020 में रामगोपाल अपने निजी काम से जनपद पंचायत कार्यालय बिल्हा गया था। जहां उसे शशिकांत मिला। बातचीत में उसने बच्चों की जानकारी ली और उन्हें नौकरी लगाने का दावा किया। रामगोपाल ने बताया कि उसका बेटा कृष्ण गोपाल यादव को 12वीं पास करने के बाद DCA कर रहा है और बेटी ममता यादव कक्षा 12वीं पढ़ी है। शशिकांत ने दोनों बच्चों को हाईकोर्ट में मालीचौकीदारचपरासी जैसे पद में नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया। साथ ही कहा कि इसके एवज में रुपए देने होंगे। शशिकांत तैयार हो गया और तीन-तीन लाख रुपए में एक-एक बच्चे की नौकरी के लिए सौदा तय किया। रामगोपाल लाख देने के लिए तैयार हो गया। इसके साथ ही उसने अपने भतीजे को भी नौकरी लगवाने के लिए बात कर ली। रुपए देने के बाद भी न तो उसके बेटा व बेटी को नौकरी मिली और न ही रकम वापस किया। तब उसने मामले की शिकायत पुलिस से की।

नौकरी लगने की बात सुनकर जाल में फंस गया दोस्तइस दौरान रामगोपाल ने पचपेड़ी क्षेत्र के भथरी में रहने वाले अपने दोस्त टेटुराम कुर्रे से मुलाकात की। उसे भी उसने बेटे व बेटी की नौकरी लगने की जानकारी दी। इस पर टेटूराम कुर्रे भी अपने बेटे की नौकरी लगाने के लिए राजी हो गया। फिर दोनों शशिकांत से मिले। शशीकांत ने सितंबर 2020 को फोन कर उन्हें तखतपुर बुलाया और मंत्री के PA बताकर अंशु जायसवाल से मुलाकात कराने की बात की। रामगोपाल और टेटुराम तखतपुर नया बस स्टैण्ड पहुंचे। वहां से शशिकांत अपने साथ एक युवक को लाया थाउसे मंत्री के PA बताकर अंशु जायसवाल से मिलवाया। फिर उन्होंने 30 हजार रुपए शशिकांत को दिए। उसके बाद शशीकांत व अंशु जायसवाल वहां से चले गए। इस बीच लॉकडाउन लग गया। 29 अगस्त 2021 को दोनों अपने बच्चों को लेकर पथरिया शशिकांत और अंशु जायसवाल के पास गए। वे स्कूल के सभी दस्तावेज वगैरह उनके पास छोड़ दिए। फिर 10 अगस्त 2021 को रायपुर मंत्रालय गेट के सामने टेटुराम व बहोरन दास के सामने शशीकांत जोशी को लाख रुपए दिए। इसके बाद 12 अगस्त 2021 को बिल्हा में रामगोपाल को बुलाकर शशिकांत जोशी ने दो स्टाम्प व कोरा कागज में हस्ताक्षर करवाया। फिर 19 सितंबर को 80 हजार रुपए शशिकांत को दिए। इस तरह से दोनों पीड़ितों से उन्होंने अलग-अलग किश्त में 11 लाख 6० हजार रुपए वसूल लिए। लेकिन नौकरी नहीं लगी।

खेत बेचकर जुटाए थे रुपएपीड़ित रामगोपाल ने अपना आधा एकड़ खेत व ट्रैक्टर को बेचकर लाख 60 हजार रुपए शशिकांत को दिया है। टेटुराम कुर्रे ने जनपद पंचायत बिल्हा के सामने लाख लाख रुपए और हाईकोर्ट के पास 5० हजार रुपए और दोबारा जनपद पंचायत बिल्हा के सामने लाख और 50 हजार रुपए नयापारा मोड़ के पास शशिकांत को दिया है।