ओमिक्रॉन' Covid-19 के पुराने वैरिएंट से ज्यादा जानलेवा है? भ्रामक दावा वायरल
Type Here to Get Search Results !

ओमिक्रॉन' Covid-19 के पुराने वैरिएंट से ज्यादा जानलेवा है? भ्रामक दावा वायरल

मुरैना : जिले की एक जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति कदम जो कि वीडियो वॉलीटियर की सामुदायिक संवाददाता है कोरोना माहमारी के दौरान समाज मे कोरोना और वेक्सीन को लेकर काफी गलत अफवाह लोगों तक पहुंच रही है वीडियो वॉलीटियर की ज्योति कदम क्विंट की टीम के साथ गलत अफवाहों के चेक फैक्ट को लोगो के बीच सही जानकारी देने का प्रयास सोशल मीडिया ,व्हाट्सप ,यूट्यूब के माध्यम से जागरूक कर रही है।
द क्विंट -अंग्रेजी और हिंदी भाषा ,मैं भारतीय सामान्य समाचार और राय वेबसाइट है जो कि ' द क्विंट वेबकूफ ' भी संचालित करता है, तथा जो कि इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क है जो कि  तथ्य-जांच को प्रमाणित करने की  पहल. करता है वर्तमान में वीडियो वोलेंटियर क्विंट के साथ कोरोना जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर वायरल पोस्ट में किए गए दावे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए हैं और झूठे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 26 नवंबर (शुक्रवार) को नए डिटेक्ट किए गए कोविड 19 ओमिक्रॉन के स्ट्रेन B.1.1.529 के बारे में बताया. संगठन ने अपने बयान में आगे ये भी कहा कि अभी ये पुष्टि नहीं हुई है कि ये नया वेरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक या खतरनाक है या नहीं.

हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई मैसेजेस में दावा किया जा रहा है कि ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक है और ज्यादा जानलेवा है. वायरल मैसेज दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों के ग्रुप द्वारा जारी की गई चेतावनी की तरह पेश किया जा रहा है.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि वायरल हो रहे इस पोस्ट में किए गए दावे कुछ वैसे ही हैं, जैसे कोरोना वायरस के नए डेल्टा वैरिएंट के सामने आने के बाद किए गए थे. इन दावों की क्विंट की वेबकूफ टीम ने पड़ताल भी की थी.
दावा
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले इस पोस्ट का हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा

'' नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (SARS-CoV-2) ज्यादा शक्तिशाली है. हमें कफ नहीं होता, बुखार नहीं होता, जोड़ों का दर्द होता है, कमजोरी,भूख न लगना और निमोनिया. जाहिर है इसमें मृत्यू दर काफी ज्यादा है. इसके संक्रमण को चरम पर पहुंचने में काफी कम समय लगता है, कई बार तो बिना लक्षणों के ही.. सावधान रखिए"
पोस्ट में आगे ये साबित करने के लिए कई दलीलें दी गई हैं कि कैसे ये पिछले वैरिएंट्स से ज्यादा खतरनाक है.

फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर इस मैसेज को कॉपी-पेस्ट कर शेयर कर रहे हैं
WHO ने ''वेरिएंट ऑफ कन्सर्न'' यानी चिंताजनक वैरिएंट घोषित किया है. ये वैरिएंट पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. अब यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, इजरायल और नीदरलैंड्स में भी इसके केस सामने आए हैं.

WHO के मुताबिक, ओमिक्रॉन को ''चिंताजनक वैरिएंट'' घोषित करने के पीछे ये कारण है कि आगे इसके अन्य तरह के प्रभाव भी सामने आ सकते हैं.

हालांकि, WHO के 28 नवंबर के बुलेटिन के मुताबिक, WHO और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक अब भी ये स्टडी कर रहे हैं कि वैरिएंट कितना संक्रामक और कितना खतरनाक है.
इसमें बहुत ज्यादा संख्या में म्यूटेशन हो सकते हैं, इसलिए WHO ने कहा है कि शुरूआती साक्ष्य के मुताबिक, दूसरे चिंताजनक वैरिएंट की तुलना में इस वैरिएंट में दोबारा से संक्रमण होने का जोखिम ज्यादा हो सकता है.

काफी ज्यादा है.'' इसमें सभी सदस्य देशों को निगरानी बढ़ाने, कोविड से जुड़ी सावधानियां बरतने और वैक्सीनेशन पर जोर देने की सलाह भी दी गई है.

सबसे पहले इस वैरिएंट के बारे में जानकारी देने वाले दक्षिण अफ्रीका के एक डॉक्टर ने Telegraph से बातचीत में कहा कि नए वैरिएंट के लक्षण असामान्य, लेकिन हल्के थे.

साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने टेलीग्राफ को बताया कि इसमें थकान और उच्च तापमान जैसे लक्षण शामिल हैं, लेकिन स्वाद और गंध न आने जैसे सामान्य लक्षणों के बारे में सूचना नहीं दी गई.

वैज्ञानिकों के मुताबिक, फिलहाल हमारे पास ये निर्धारित करने के लिए पर्याप्त शोध नहीं है कि ये वैरिएंट ज्यादा घातक या जोखिम भरा है या नहीं.
यही मैसेज वायरल हुआ था. उस समय वायरल टेक्स्ट में ये दावा भी किया गया था कि डेल्टा वैरिएंट पिछले वैरिएंट की तुलना में घातक है और RT-PCR टेस्ट से इसकी पहचान नहीं की जा सकती.

हालांकि, WHO और दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारियों की स्टडी से पता चला है कि वायरल पोस्ट में किए गए दावे या तो झूठे थे या भ्रामक थे.
दोनों वैरिएंट को लेकर किए गए वायरल दावे के आखिर में दो मास्क के इस्तेमाल करने, सोशल डिस्टैंसिंग रखने और हाथों को धोने या साफ करने की सलाह भी दी गई थी.
की गई हैं, जिससे लोगों में इसे लेकर चिंता और घबराहट बढ़ सकती है. क्योंकि WHO के किसी भी ऑफिशियल बयान में ये बातें नहीं बताई गई हैं, जो पोस्ट में लिखी गई हैं.

हालांकि, WHO ने कहा है कि ये नया वैरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है, लेकिन वैज्ञानिक अब भी ये स्टडी कर रहे हैं कि वैरिएंट कितना संक्रामक और खतरनाक है.

इसलिए, कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और वैक्सीन लेना जरूरी है. लेकिन इस तरह के दावों पर भरोसा न करें और न ही घबराएं.


 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------