गोरखपुर । गोरखपुर की सदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे सीएम योगी एक इतिहास दोहरा रहे हैं। वह दूसरे ऐसे सीएम होंगे, जो गोरखपुर से चुनावी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि इस इतिहास को दोहराते हुए उनके समर्थक और पार्टी के लोग कतई यह नहीं चाहेंगे कि वह इसी इतिहास के परिणाम को भी हासिल करें। क्या है यह पूरा मामला आइए समझते हैं। असल में साल 1971 में त्रिभुवन नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए गोरखपुर से चुनाव लड़ा था। उन्होंने यहां की मानीराम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उनकी दावेदारी के वक्त हालात बहुत ही अलग थे। खुद कांग्रेस में दो फाड़ हो चुके थे। इस दो फाड़ के बाद एक धड़ा बना था कांग्रेस (ओ) यानी कांग्रेस संगठन और दूसरा था कांग्रेस (आई)। अब अक्टूबर 1970 में त्रिभुवन नारायण सिंह सीएम तो बने, लेकिन उनके पास न विधानसभा सदस्यता थी और न विधान परिषद की। ऐसे में उन्होंने चुनाव लड़ा। त्रिभुवन नारायण सिंह इस चुनाव में कांग्रेस संगठन के उम्मीदवार थे और उनका मुकाबला था कांग्रेस (आई) के उम्मीदवार रामकृष्ण द्विवेदी से। इस चुनाव में रामकृष्ण द्विवेदी ने त्रिभुवन नारायण सिंह को पराजित कर दिया था। हार के बाद तीन अप्रैल 1971 को त्रिभुवन नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। असल में तब इस सीट से योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ हिंदू महासभा से विधायक चुने गये थे। लेकिन इसी दौरान उनके गुरु महंत दिग्विजय नाथ ब्रह्मलीन हो गए। इसके बाद गोरखपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव हुआ और महंत अवैद्यनाथ यहां जीत कर सांसद बने थे। इसके बाद महंत अवैद्यनाथ ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस संगठन के उम्मीदवार त्रिभुवन नारायण सिंह को अपना समर्थन किया था। लेकिन उनके समर्थन के बावजूद त्रिभुवन नारायण सिंह जीत हासिल नहीं कर सके थे। वैसे देखा जाए तो गोरखपुर से चुनाव जीतकर सीएम बनने वाले एक और शख्स हैं। इनका नाम था वीर बहादुर सिंह। उन्होंने पनियरा से विधायकी का चुनाव जीता थी। हालांकि उन्होंने सीएम रहते यह चुनाव नहीं लड़ा था, बल्कि यहां से जीतने के बाद सीएम बने थे। वैसे गोरखपुर की पनियरा विधानसभा सीट अब महराजगंज जिले में जा चुकी है।
योगी आदित्यनाथ दूसरे जो सीएम रहते गोरखपुर से लड़ रहे चुनाव
शुक्रवार, जनवरी 21, 2022
0
Tags
Please do not enter any spam link in the comment box.