लखनऊ। सपा ने गोरखपुर सदर सीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दिवंगत भाजपा नेता उपेंद्र शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को उतारा है। इससे पहले सुभावती शुक्ला अपने दोनों बेटों अरविंद और अमित शुक्ला के साथ सपा में शामिल हुईं। उसके बाद मीडिया से बात करते हुए सुभावती शुक्ला और उनके बेटे भाजपा के ऊपर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कैमरे के सामने रो पड़े। बेटे अरविंद ने कहा कि मेरे पिता उपेंद्र शुक्ला अपने मृत्यु तक भाजपा में रहे। वे प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक सबको साथ लेकर चले। उनकी मृत्यु के बाद सीएम योगी हमारे परिवार से मिलने तक नहीं आए। मैं और मेरे भाई कई बार मिलने गए। इसके बाद वे भावुक हो गए और कहने लगे कि आखिर मेरे परिवार का अपराध क्या है। इन्होंने हमारे परिवार को क्या दिया। इस दौरान सुभावती शुक्ला भी भावुक हो गईं।
वहीं उनके छोटे बेटे अमित शुक्ला ने कहा कि मैं कुछ मांगने नहीं गया था। एक छोटी सी चीज कि मेरे पिता की किसी पार्क में मूर्ति लगा दी जाए या कोई रोड का नाम रख दिया जाए। क्या 40 साल की तपस्या का फल इतना भी उनके हिस्से में नहीं आ सकता था। लगातार अपमान और तिरस्कार ने इस तरह का निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया। मैंने सब जगह जाकर अपनी पीड़ा रखी लेकिन कुछ नहीं हुआ। वहीं सपा में शामिल होने को लेकर अरविंद शुक्ला ने कहा कि एक नेता को एक नेता ही तलाश लेता है। एक जननेता की पहचान जननेता को ही होती है। वो जननेता मेरे पिता के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं।
उपेंद्र शुक्ला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी थे। वे गोरखपुर क्षेत्र में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा थे। वह पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वूपर्ण पदों भी रहे। सीएम योगी के लोकसभा से इस्तीफा दिए जाने के बाद उपेंद्र शुक्ला ने ही गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव लड़ा लेकिन वे सपा के प्रवीण निषाद से चुनाव हार गए। उपेंद्र दत्त शुक्ला का मई 2020 में ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया था। उपेंद्र शुक्ला कौड़राम विधानसभा सीट से तीन बार चुनाव लड़े थे, लेकिन वह तीनों बार हर गए थे।
Please do not enter any spam link in the comment box.