
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री प्रकाश त्र्यंबकर राव काले को श्रद्धांजलि दी। समन्वय भवन के सभाकक्ष में हुई श्रद्धांजलि सभा में स्व. काले की सेवाओं का स्मरण किया गया। विभिन्न वक्ताओं ने स्व. काले के जीवन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख किया। गत 25 दिसंबर को श्री काले का निधन हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व. श्री प्रकाश त्र्यंबकर राव काले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। श्रद्धांजलि सभा में श्री सुहास भगत भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री प्रकाश त्र्यंबकर काले अनूठे व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने जनजातीय समाज के विकास के लिए आजीवन चिंता की। गत 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन की कल्पना में भी वे सहभागी थे। प्रदेश में जनजातीय कल्याण के लिए निर्मित करीब डेढ़ दर्जन सूत्र बनाए गए, उनके निर्धारण में भी प्रकाश जी का योगदान रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रकाश जी को जब भी, जो दायित्व दिया गया उसको कैसे संपूर्णता के साथ करें, यह ललक और परिश्रम भावना उनमें विद्यमान थी। जनजातीय समाज के लिए तो वे सदैव तत्पर रहते थे। समाज जीवन में सेवा कार्य के लिए जो उनमें अद्भुत प्रतिभा थी, उसे भुलाया नहीं जा सकता। साथ ही उनकी सहजता, सरलता और सबको स्नेह करने की अद्भुत क्षमता भी अनोखी थी। उन्होंने समाज हित के लिए कार्य करने की अनेक व्यक्तियों को राह दिखाई। वे अहंकार शून्य और धैर्य से भरे हुए व्यक्ति थे। उनमें उत्साह दिखाई देता था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रकाश जी कर्मठ स्वभाव के थे। वनवासी संकुल के निर्माण की बात हो या शबरी महाकुंभ की सफलता हो, उनकी विशेष कार्यशैली से यह सब संभव होता था। श्रद्धांजलि सभा में श्री बिहारीलाल और अन्य वक्ताओं ने भी श्री प्रकाश जी के जीवन से जुड़े प्रसंग सुनाए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अनेक संस्थाओं के सदस्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उपस्थित थे।

Please do not enter any spam link in the comment box.