देश की अर्थ-व्यवस्था को गति देने में म.प्र. देगा अपना सम्पूर्ण योगदान : वित्त मंत्री श्री देवड़ा दिल्ली में हुई वित्त मंत्रियों की बैठक
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देश की अर्थ-व्यवस्था को गति देने में म.प्र. देगा अपना सम्पूर्ण योगदान : वित्त मंत्री श्री देवड़ा दिल्ली में हुई वित्त मंत्रियों की बैठक



वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि देश की अर्थ-व्यवस्था को गति देने और राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्यप्रदेश अपना सम्पूर्ण योगदान देगा। उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से प्रदेश के लिए पूँजीगत कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 933.15 करोड़ के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। आज नई दिल्ली में वित्त मंत्रियों की बैठक में भाग लेने पहुँचे श्री देवड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड के कारण असामान्य रही आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने राज्य को विशेष सहायता योजना में पूँजीगत व्ययों के लिये और जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में बेक-टू-बेक ऋण की सहायता उपलब्ध कराई।
    श्री देवड़ा ने कहा कि वर्तमान स्थिति में देश में आर्थिक 
गतिविधियाँ पहले की तुलना में बेहतर हुई है और अर्थ-व्यवस्था की गति तेज हुई है, परन्तु केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों की अर्थ-व्यवस्था के लिये अतिरिक्त राजकोषीय सहायता को निरंतर रखना अभी भी आवश्यक है। श्री देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक देश की अर्थ-व्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए लक्ष्य की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार का प्रयास कर रही है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना सम्पूर्ण योगदान देगा। श्री देवड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए भारत सरकार द्वारा पूँजीगत व्ययों हेतु निर्धारित प्रथम एवं द्वितीय त्रैमास का लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया है। इस तृतीय त्रैमास के लक्ष्य को पूरा करने के साथ इस वर्ष के लिए निर्धारित सम्पूर्ण लक्ष्य को भी प्राप्त कर लेंगे। राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पूँजीगत कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विशेष केन्द्रीय सहायता योजना शुरू की गई है। अर्थ-व्यवस्था की गतिशीलता के लिये यह योजना बहुत कारगर है। इसे 15वें वित्त आयोग की अवधि तक के लिए इस योजना को निरंतर किया जाना चाहिए। उन्होंने विद्युत क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और चरणबद्ध तरीके से बकाया सब्सिडी के भुगतान के लिए कोविड की स्थिति को देखते हुए 1.5 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण (बिना शर्त) और प्राप्त किये जाने की स्वीकृति आदेश का भी आग्रह किया। कीट प्रकोप और बाढ़ आपदा के कारण हुई क्षति के मुआवजे के रूप में भारत सरकार से राशि रुपए 2,043.19 करोड़ की मांग की गई है। श्री देवड़ा ने केन्द्रीय वित्त मंत्री के समक्ष मध्यप्रदेश के खाद्यान्न के उपार्जन एवं प्रतिपूर्ति के लगभग 16,670 करोड़ के लंबित दावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ऐसी नीति पर विचार करे जिसमें अधिकतम 1 वर्ष में सभी लंबित देयकों का भुगतान हो जाये एवं सभी आवश्यक व्ययों की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति भारतीय खाद्य निगम/केन्द्र सरकार द्वारा की जाए।
    केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ आगामी यूनियन बजट 2022-23 के लिए पूर्व-बजट बैठक की अध्यक्षता की। केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री भगवत कराड़, देश के राज्यों के वित्त मंत्री, वित्त सचिव डॉ. टी.वी. सोमनाथन, सचिव डीईए श्री अजय सेठ और सचिव, डीएफएस श्री देबाशीष पांडा के साथ वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।





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