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गोरखपुर । मकर संक्रांति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में दलित परिवार के साथ भोजन किया। 40 साल पुराने भाजपा कार्यकर्ता अमृत लाल के घर योगी की जमीन पर बैठकर खाते हुए तस्वीर उस समय पर आई है जब पार्टी से कई पिछड़े नेताओं ने नाता तोड़ लिया है।पिछले 3-4 दिनों में तीन मंत्री सहित एक दर्जन से अधिक विधायकों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है।
योगी ने कहा, मैं मकर संक्रांति के मौके पर अपने अनुसूचित जाति के कार्यकर्ता अमृत लाल भारती और उनके परिजनों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मुझे खिचड़ी सहभोज पर अपने घर में आमंत्रित किया।वे यहां सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे हैं। आज उन्होंने खिचड़ी सहभोज के कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक समता का और पीएम मोदी के 'सबका साथ-सबका विकास' मंत्र को अंगीकार करते हुए विकास, सुशान और राष्ट्रवाद के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए समता भोज किया। बाबा साहबे के उस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के अभियान के तहत यह कार्यक्रम हुआ है।''
हालांकि,यह पहली बार नहीं है, जब योगी ने किसी दलित के घर खाना खाया हो। लेकिन चुनाव से ठीक पहले आयोजन के सियासी मायने हैं।बीजेपी प्रतीकों की राजनीतिक का महत्व जानती है, इनके जरिए अपने पक्ष में माहौल बनाने में माहिर मानी जाती है।कहा जा रहा है, कि बीजेपी ने चुनाव से ठीक पहले दलित वोटर्स को लुभाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।बीजेपी के सपा की ओर से ओबीसी वोट में की गई सेंधमारी की काट के तौर पर भी देखा जा रहा है।
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