छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र पर असमंजस के बादल छा गए हैं। प्रदेश में बजट सत्र का आयोजन फरवरी-मार्च में किया जाता है। करीब एक महीने तक बजट सत्र में चर्चा होती है, लेकिन कोरोना के कारण इस बाद फरवरी में सत्र शुरू हो पाना संभव नजर नहीं आ रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने कहा कि इस बार फरवरी माह में विधानसभा सत्र शुरू नहीं हो पाएगा। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। विधानसभा में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में डा महंत ने कहा कि सत्र को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे से चर्चा हो चुकी है। डा. महंत ने कहा कि जिस हिसाब से प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, हमें नहीं लगता कि फरवरी माह में बजट सत्र की शुरुआत हो पाएगी। मार्च में विधानसभा सत्र के शुरू होने की संभावना है। डा महंत ने कहा कि कुछ मंत्री और विधायक कोरोना पाजिटिव आए हैं। कुछ विधायक-मंत्री बाहर भी गए हैं। ऐसे में उनके आने और कोरोना की स्थिति बेहतर होने का इंतजार किया जाएगा।
इससे पहले डा. महंत ने विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। डा. महंत ने कहा कि स्वामी विेवेकानंद ने अपने विचारों से समाज को एक नई दिशा दी। उठो, जागो और तब तक आगे बढ़ो, जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त न करो का उनका संदेश आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है। यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि स्वामी विवेकानंद ने अपनी युवा अवस्था का कुछ समय यहां व्यतीत किया। 11 सितंबर 1893 को शिकागो की धर्म संसद में स्वामी विेवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई। भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले स्वामी विवेकानंद ने भारतीय युवाओं में स्वाभिमान को जगाया और उम्मीद की नई किरण पैदा की।
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