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भोपाल । आयकरदाताओं को रिफंड प्राप्त करने में परेशानी बनी हुई है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के करदाताओं की ओर से जमा किए गए रिटर्न के बाद भी उन्हें रिफंड अभी तक नहीं मिल सके हैं। वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 के रिफंड करदाताओं को मिलना प्रारंभ हो गए हैं। बताया जा रहा है कि तकनीकी कारण से आयकर विभाग का सिस्टम प्रोसेस नहीं कर पा रहा है, ऐसे में रिफंड नहीं मिल पा रहे हैं। जबकि रिफंड तीन माह में प्रोसेस करना होता है। जिन करदाताओं के पुराने रिफंड अभी तक नहीं मिल सके हैं, वे खासे परेशान हैं और आयकर विभाग के चक्कर भी लगा रहे हैं।
आयकरदाता का उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर एक वित्तीय वर्ष में पहले आयकर काटा जाता है। जब किसी भी विभाग, बैंक या एम्पलॉयर की ओर से करदाता का टैक्स काट लिया जाता है और आयकर विभाग के पास करदाता की ओर से उनके पेन नंबर पर जमा करा दिया जाता है तो वर्ष के अंत में सारी गणना करने के बाद टैक्स के अंतर की अतिरिक्त राशि रिफंड के रूप में दी जाती है। ये आयकर विभाग वापस करदाता को भेज देता है।
विभाग को शिकायत भेजनी चाहिए
जानकारों का कहना है कि ये बात सही है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के कई करदाताओं के रिफंड अभी तक नहीं आ सके हैं। आयकरकरदाता को अपने रिफंड के लिए पोर्टल के जरिए आयकर अधिकारी या ऑनलाइन सीपीटी बैंगलुरु को ग्रेवियेंस (शिकायत) भेज सकता है। इससे उनकी शिकायत सात दिवस के भीतर कार्रवाई में ली जाती है।
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