काबुल । अफगानिस्तान में तालिबान राज के बाद अस्थिरता के हालात ते चलते आम नागरिकों की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान की सीमा के पास सोमवार को हुए तेज धमाके में नौ बच्चों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। राज्यपाल के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि विस्फोट उस समय हुआ जब खाद्य सामग्री बेचने वाली एक गाड़ी ने पूर्वी नगरहार प्रांत के लालोपर जिले में एक पुराने बिना फटे मोर्टार के गोले को टक्कर मार दी।
यह प्रांत तालिबान के प्रतिद्वंद्वियों और इस्लामिक स्टेट समूह का मुख्यालय है। जिसने अगस्त के मध्य में तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान के नए शासकों को निशाना बनाते हुए कई हमले किए हैं। हालांकि, आइएस ने 2014 से अफगानिस्तान में दर्जनों भयानक हमले किए हैं और अक्सर देश के अल्पसंख्यक शिया मुसलमानों को निशाना बनाया है। बता दें कि अफगानिस्तान देश के दशकों के युद्ध और संघर्ष से सबसे लैंड माइंस और अन्य हथियार वाले देशों में से एक है। जब कभी भी हथियारों में विस्फोट होता है, तो अक्सर शिकार यहां के बच्चे होते हैं।
वहीं, कुछ महीनों पहले यानी नवंबर में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित अल्पसंख्यक शिया बहुल इलाके में मिनी बस में हुए धमाके में छह की मौत और सात लोग घायल हो गए थे। घटना के एक वीडियो में बस से गहरे काले धुएं के साथ आग की लपटें निकलती दिखाई दे रही थी। हमले के पीछे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के आशंका जताई गई थी। गौरतलब है कि अगस्त 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा और धमाकों की घटनाएं बढ़ गई हैं। तालिबान ने खुले तौर पर महिलाओं और निर्दोष लोगों पर हमले किए हैं। साथ ही तालिबान द्वारा कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
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