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नई दिल्ली | में कोरोना वायरस के मामले अब दहशत फैलाने लगे हैं। बेकाबू हालात को देखते हुए सरकार ने वीकेंड कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है। इसी बीच कोविड-19 दूसरी लहर के खत्म होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। जबकि नए संक्रमण की दर दूसरी लहर के बाद के निम्न स्तर से 82 गुना से अधिक बढ़ गई है।
इससे पता चलता है कि दिल्ली में नए संक्रमणों में वृद्धि के बावजूद चिकित्सा देखभाल की जरूरत वाले रोगियों में बहुत मामूली वृद्धि देखी जा रही है। दुनिया भर के ट्रेंड को देखें तो वहां ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने की वजह से केस में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है। दिल्ली में जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है, उनकी वर्तमान संख्या वास्तव में बहुत कम है।
दिल्ली सरकार द्वारा दिए आंकड़ों के अनुसार मरीजों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहले ओमिक्रॉन के वो मरीज हैं जिन्हें तुरंत चिकित्सीय देखभाल की जरूरत नहीं है (सरकारी आंकड़ों के अनुसार इसमें ज्यादातर लोग हल्के लक्षण (एसिप्टोमैटिक) वाले हैं) लेकिन आइसोलेशन के लिए उन्हें भर्ती किया गया है। दूसरे मरीज वो हैं जिन्हें दिल्ली के स्वास्थ्य बुलेटिन में संदिग्ध मरीज बताया गया है।
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