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छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग के एक अफसर और उसके दो साथियों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कुछ ही देर में रायपुर पुलिस खुलासा करेगी। शिक्षा विभाग के एक अफसर ने लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के नाम का इस्तेमाल करके मुख्यमंत्री को शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम, उनकी पत्नी और उनके सहायक अफसर OSD ने 366 करोड़ का लेन-देन किया है। ये रकम शिक्षकों की पदस्थापना, तबादले, नियुक्ति के बदले लिए जाने का दावा किया गया था। चावरे के सील, हस्ताक्षर से यह शिकायत वायरल भी कर दी गई थी। नवा रायपुर के राखी पुलिस थाने में लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे ने शिकायत करके कहा था कि ऐसी कोई शिकायत उन्होंने नहीं की है। बल्कि किसी ने उसके लेटर और हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल करके वायरल कर दिया। फिलहाल तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है
शिक्षा मंत्री कह चुके हैं मामला फर्जी है- मीडिया में 366 करोड़ के लेन-देन की खबर को शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने फर्जी बता दिया था। उन्होंने कहा था कि, ये भाजपा की चाल है ताकि कांग्रेस की सरकार को बदनाम किया जा सके। फजीहत होती देख खुद शिक्षा मंत्री ने इस मामले में CM भूपेश बघेल से मिलकर मामले में स्पेशल जांच दल गठित कर जांच की मांग की थी। भाजपा की तरफ से दावा किया गया था कि ये घोटाला और भ्रष्टाचार है, इस तरह की कई डायरियां और सामने आएंगी।
पुलिस लेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस- इस पूरे मामले के सियासी रूख अख्तियार कर लेने के बाद शुक्रवार रात को पुलिस ने कई स्थानों पर छापामारी की। इसके बाद एक पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी(DEO) और शिक्षा विभाग के ही दो और कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए पूर्व अधिकारी ने बताया है कि वह शिक्षा मंत्री और उनके आसपास के कुछ अफसरों से नाराज था । इसलिए उसने यह बदनाम करने की साजिश रची थी। अब इस मामले में पूरा विवरण पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ही आएगा
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