नई दिल्ली।

 अक्सर विवादों में रहने वाली जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) एक बार फिर चर्चा में है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन  (जेएनयूएसयूद्वारा सोमवार 6 दिसंबर की रात कथित तौर पर बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के समर्थन में नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग भी उठाई गई।

जानकारी के अनुसार, JNU कैंपस में एक नए विवाद की चिंगारी सुलगनी शुरू हो गई है। जेएनयूएसयू की ओर से 6 दिसंबर की रात एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया। 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद तोड़ी गई थीजिसके खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान JNU छात्रसंघ के कार्यकर्ताओं और यहां मौजूद लेफ्ट संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग की।

इस दौरान छात्रसंघ कार्यकर्ताओं की ओर से "नहीं सहेंगे हाशिमपुरानहीं करेंगे दादरीफिर बनाओ बाबरीजैसे नारे लगाए गएजिनको लेकर विवाद उठना लाजिमी है। बाबरी विध्वंस की घटना के 29 साल बाद जेएनयू कैंपस में छात्र संघ ने इस घटना के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकालाजिसमें कहा गया की बाबरी मस्जिद दोबारा से बननी चाहिए।

दरअसल इस प्रदर्शन की कॉल जेएनयूएसयू द्वारा रात को 8:30 बजे दी गई थी। जेएनयू कैंपस के गंगा ढाबा पर रात 8:30 बजे काफी संख्या में लेफ्ट विंग के छात्र जमा हो गए और यहां से यह प्रदर्शन मार्च चंद्रभागा हॉस्टल तक पहुंचा। इससे पहले भी लेफ्ट समर्थक छात्रों द्वारा कई विवादित बयान दिए गए हैं और 6 दिसंबर को चंद्रभागा हॉस्टल के चौखट पर एक बार फिर लेफ्ट समर्थक छात्रों ने एक नए विवाद की शुरुआत कर दी है। इसके बाद यह प्रदर्शन हॉस्टल तक पहुंचाजिसके बाद छात्र यूनियन के नेताओं ने अपनी-अपनी बातों को रखा। इसी दौरान जेएनयू छात्र संघ के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने अपनी स्पीच के दौरान कहा कि बाबरी मस्जिद दोबारा बनाकर उसे इंसाफ लिया जाएगा।