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जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली और भ्रष्टाचार के मामलों से आहत होकर सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने अपनी नौकरी से त्याग पत्र दे दिया. राष्ट्रपति के नाम लिखे अपने इस्तीफे में सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडर विकास जाखड़ (CRPF Assistant Commander Vikas Jakhar) ने इसके लिए पिछले दिनों सामने आई भर्तियों की गडबड़ियों को जिम्मेदार बताया. मूलत झुंझुनूं जिले के रहने वाले विकास जाखड़ ने अपनी वीरता दिखाते हुए 2016 में नक्सलियों को झारखंड के लातेहार जिले में मुंहमोड़ जवाब दिया था. उनके इस साहस को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सेना के शौर्य चक्र से नवाजा था. विकास जाखड़ की इस शौर्यता का उल्लेख राजस्थान पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया. कक्षा आठवीं की पुस्तकों में विकास जाखड़ की शौर्यता और अद्मय साहस के किस्से स्कूलों में बच्चे पढ़ चुके हैं. लेकिन भर्ती परीक्षाओं के मामलों में वे सिस्टम से निराश दिखाई दिए. उनके इस फैसले पर विकास जाखड़ ने न्यूज18 राजस्थान से बातचीत में कहां कि भर्ती परीक्षाओं में अब और गड़बड़ी सहन नहीं किया जा सकता है.
विकास जाखड़ ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
बकौल विकास, ‘राज्य में जो भी भर्तियां हो रही हैं इनमें पैपर लीक होने या फिर ब्लूटूथ के जरिए नकल होने जैसी बातें कई परीक्षाओं में सामने आती रही हैं. इन परीक्षाओं में इस तरह की धांधलियां होने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक पैपर लीक करार भी नहीं दिए गए. रीट परीक्षा में भी पैपर आउट होने जैसी बात सामने आई थी. गरीबी में बच्चे अपनी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उनका परिणाम कोई पैसे देकर खरीद लेता हैं. यह आगे चल कर एक लोकतांत्रिक समाज के लिए किसी भी तरह से बेहतर नहीं है.विकास जाखड़ का कहना है कि जो पैसा लेकर पास हो रहे हैं वे आगे चलकर कैसे बेहतर शिक्षक साबित हो सकती हैं. मैं अपनी सेवाओं में रहते हुए बेरोजगार युवाओं की आवाज नहीं उठा सकता, लेकिन लगा कि युवाओं की मदद के लिए आगे आना है तो फिर सेवा में रहते हुए सरकार बात नहीं सुन सकती है. ऐसे में इन मुद्दों के खिलाफ उतरना ही पड़ा. राज्य में बढते नकल माफियों पर रोकथाम लगना बेहद जरूरी है.
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