नई दिल्ली 

 केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्यीय कमेटी की बैठक समाप्त हो चुकी है। इसके बाद पांच सदस्यीय कमेटी के सभी लोग दोबारा संयुक्त मोर्चा की बैठक में पहुंच गए हैं। अब दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में बातचीत का ब्योरा रखा जाएगा।

वहींजानकारी मिल रही है कि संयुक्त किसान मोर्चा के पास गृह मंत्रालय से संदेश आया है। इसमें धारा 302  307 के तहत दर्ज मुकदमों को छोड़कर अन्य मुकदमे वापस लेने की बात कही गई है। एमएसपी पर कमेटी बनाने और कमेटी में मोर्चा के नेताओं को भी शामिल करने की भी बात है। फिलहाल मोर्चा की बैठक जारी है। मांगों पर सहमति बनने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा  अब आंदाेलन वापस लेने पर भी विचार कर रहा है। एक-डेढ़ घंटे में कोई ठोस निर्णय होने की संभावना है।

गौरतलब है कि किसान संगठन के नेताओं की बैठक से पहले ही अचानक 5 सदस्यीय कमेटी मोर्चा कार्यालय से निकल कर कहीं और रवाना हो गई थी। बाद में पता चला कि केंद्र सरकार के नुमाइंदों के साथ एमएसपी समेत कई मुद्दों पर बैठक चली थी। इस बैठक में गुरनाम चढूनी और शिवकुमार कक्का समेत कई नेता मौजूद थे। यह भी जानकारी सामने आई कि इस बैठक को बेहद गोपनीय रखा गया। अगर सारी बातों पर सहमति बन जाती है तो इसका सार्वजनिक रूप से ऐलान किया जाएगावरना नहीं।

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद यूपीहरियाणा और पंजाबा के किसान दिल्ली के बार्डर पर जमा हैं और  धरना प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। किसान प्रदर्शनकारियों के रुख से लगता नहीं है कि दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर जारी आंदोलन खत्म होगा।  बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी को सरकार की ओर से वार्ता का कोई न्योता नहीं मिला। इस संबंध में अंतिम निर्णय मंगलवार को होने वाली मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन अभी जारी रहेगा।