भोपाल । रबी फसलों के लिए किसान डीएपी और अब यूरिया के लिए परेशान हो रहे हैं। सरकार दावा कर रही है कि खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और केंद्र सरकार से लगातार आपूर्ति भी हो रही है। इसके बाद भी वितरण व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। सहकारी समितियों के बाहर लंबी लाइनें लग रही हैं। इस व्यवस्था में सुधार के लिए अब सरकार नई व्यवस्था बनाने जा रही है। इसमें किसानों को एसएमएस के माध्यम से यह पता चलेगा कि राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के किस गोदाम पर कितना खाद उपलब्ध है। इसके आधार किसान समितियों पर दबाव बना सकेंगे कि जब संघ के गोदाम में खाद है तो वे उसे लेकर वितरित क्यों नहीं करा रहे हैं। वहीं, जो किसान समितियों के डिफाल्टर हैं, वे सीधे नकद में खाद खरीद सकेंगे।
प्रदेश में रबी फसलों की बोवनी होने के साथ ही अब यूरिया की मांग तेजी से बढ़ रही है। सहकारिता विभाग समितियों के माध्यम से अब तक तीन लाख 94 हजार टन से ज्यादा यूरिया की बिक्री कर चुका है। करीब 40 हजार टन यूरिया समितियों के पास उपलब्ध है। जबकि, पिछले साल इसी अवधि तक तीन लाख 78 हजार 187 टन यूरिया किसानों को उपलब्ध कराया गया था। वहीं, डीएपी दो लाख 30 हजार 67 टन विक्रय किया जा चुका है।
सात लाख टन यूरिया की मांग
पिछले साल दो लाख पांच हजार 800 टन डीएपी किसानों ने इस अवधि तक लिया था। 19 हजार 200 टन डीएपी अभी भी समितियों के पास उपलब्ध है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बोवनी का काम समाप्त हो चुका है। अब किसानों को यूरिया की दरकार रहेगी। इसे देखते हुए दिसंबर के लिए केंद्र सरकार से सात लाख टन यूरिया की मांग की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार केंद्र सरकार से बात भी कर रहे हैं। इसके साथ ही सहकारिता विभाग अब नई व्यवस्था भी बनाने जा रहा है। इसमें किसानों को एसएमएस के माध्यम से पता चलेगा कि विपणन संघ के किस गोदाम में कितनी मात्रा में खाद उपलब्ध है। संघ नकद में खाद विक्रय करता है। इससे उन किसानों को खाद लेने में सुविधा होगी, जो सहकारी समितियों का समय पर कर्ज नहीं चुकाने की वजह से अपात्र हो गए हैं, वे खाद प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा नि:शुल्क रहेगी। विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों को अधिक से अधिक सूचना और सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। इसके मद्देनजर मार्कफेड को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सीधे जिलों को आवंटित की जा रही है खाद
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार से जो खाद प्राप्त हो रही है, वो आवश्यकता के अनुसार सीधे जिलों को उपलब्ध कराई जा रही है। प्रतिदिन छह से सात रेलवे रेक के माध्यम से यूरिया आ रही है। सभी जिला अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं कि वे खाद की मांग कम से कम एक सप्ताह पहले बताएं ताकि उसके हिसाब आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा सके।