बिलासपुर।  किसी भी धान खऱीदी केंद्र में अतिरिक्त धान लिया गया तो समिति के संस्था प्रबन्धक होंगे जिम्मेदार- विवादित धान खऱीदी केंद्रो की निगरानी राजपत्रित अधिकारीयो से कराने कि किया माँग। केंद्र और प्रदेश के भाजपा की तरह - भाजपा समर्थित सेवा सहकारी समिति - कांग्रेस की भूपेश सरकार के धान खरीदी नीति को प्रभावित करने पर आमदा - कांग्रेस अध्यक्ष ने धान खऱीदी जिला स्तरीय किसान सहयोग समिति का गठन किया।
जि़ला कांग्रेस कमेटी के अध्यच विजय केशरवानी ने घुटकूँ में हुए धान खऱीदी घोटाले को सज्ञान में लेकर - आज कलेक्टर सारांश मित्तर से धान खऱीदी की व्यवस्था को लेकर मुलाक़ात कर बताया की सेवा सहकारी समिति जिसके द्वारा किसानो से धान खऱीदी की जाती हाई उसके संचालक मंडल में अधिकांश समितिया भाजपा समरथित है उनके द्वारा भी धान खऱीदी में व्यवधान उत्पन्न कराया जा रहा है जिससे किसान कांग्रेस सरकार की योजनाओं से वंचित हो सके, इसलिए ज़िला प्रशासन सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधकों एसा निर्देश जारी करे की किसी समिति में किसानो से अतिरिक्त धान खऱीदी या तोल के नाम से अगर पैसा लिया जाता है तो सीधे ज़िम्मेदारी समिति के संस्था प्रबंधक की होगी, साथ ही विवादित और जिस धान खऱीदी केंद्र मे लगातार शिकायतें मिल रही है वहाँ राजपत्रित अधिकारियों क़े माध्यम से निगरानी कराने क़ा आग्रह किया हैं


ज्ञात हो कि सेवा सहकारी समिति के संचालक मंडल के द्वारा ही हमालों की भर्ती से लेकर धान खऱीदी के लिये उसी समिति के कर्मचारियों को ज़िम्मेदारी देने का काम किया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आज धान खऱीदी ज़िला स्तरीय किसान सहयोग समिति का गठन भी किया है , प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम जी ने धान खरीदी को गंभीरता से लेते हुए निर्देशित किया है कि किसान भाईयों के हित में समर्थन मूल्य पर बिकी व्यवस्था में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक न हो इसकी सतत् निगरानी व किसान भाईयों को धान की बिक्री में होने वाली विभिन्न समस्याओं में सहयोग हेतु जिला ब्लाक एवं खरीदी केन्द्रवार त्रि-स्तरीय सहयोग समिति का गठन किया जा रहा है।
जिला स्तरीय निगरानी समिति में जिला एवं ब्लाक के किसानों से संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु ज़िला स्तर और ब्लॉक स्तर सहित प्रत्येक धान खरीदी केन्द्र स्तर पर सहयोग समिति का गठन किया जा है किसान भाईयों को धान खरीदी / बिक्री में कोई समस्या उत्पन्न हो रही हो, तो जिला / ब्लाक स्तर पर समस्या को प्रशासन के समक्ष प्रभावी ढंग से रखते हुए निराकरण के लिये किसान भाईयों को आवश्यक सहयोग / मदद किया जाना है। खरीदी केन्द्र में भ्रष्टाचार / धांधली तथा किसान भाईयों को धान बेचने में प्रशासनिक समस्या सेजूझना ना पड़े।

केंद्र की भाजपा सरकार के असहयोग और अड़ंगेबाजी और तमाम दुष्प्रचार के बावजूद छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रगति पर है. जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि प्ज़िले भर के खरीदी केंद्रों में धान खरीदी प्रारंभ हो चुकी है ज़िले के किसी भी धान खरीदी केंद्र में बारदाने की कमी नहीं है और किसानों को शीघ्र भुगतान की भी व्यवस्था की गयी है. कांग्रेस सरकार इस वर्ष भी किसानों को न्यूनतम ?2500 रुपए धान की कीमत दे रही है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान की फसल के लिये 9000 रू. इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ दी जा रही है. प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी होगी, अर्थात प्रति क्विंटल 600 रू. राजीव गांधी किसान न्याय योजना में मिल रहा. धान खरीदी का मूल्य 1940+600=2540 मोटा तथा 1960+600=2560 रुपए पतला धान की कीमत भूपेश सरकार दे रही जो पूरे देश में धान की सर्वाधिक कीमत छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है. कांग्रेस अध्यच ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश में धान का उठाव पहली बार खरीदी होने के सीमित समय में शुरू हो चुका है खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था के तहत सुव्यवस्थित कस्टम मिलिंग के लिए राईस मिलरों के प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर ?120 प्रति क्विंटल करने और राईस मिलरों के आग्रह पर कस्टम मिलिंग के लिए राज्य में ऑटो पंजीयन की व्यवस्था तत्काल शुरू करने के निर्देश जारी किए गए उन्होंने राईस मिलरों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के ठोस और प्रभावी कदम उठाए हैं भारतीय जनता पार्टी धान खरीदी के मामले में केवल झूठी अफवाहें व बयानबाजी कर भ्रम फैलाने का काम कर रही तथा भाजपा के नेता केंद्र मोदी सरकार के सह पर छत्तीसगढ़ की धान खरीदी नीति को प्रभावित करने का कार्य कर रहे. आखिर क्या कारण है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से उसना चावल नहीं ले रही है. जबकि राज्य में पैदा होने वाले कुल धान का 45 प्रतिशत उसना किस्म का है. भाजपा की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को बारदाना देने में भी भेदभाव व असहयोग कर रही है. राज्य को धान खरीदी के लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है. मगर इस वर्ष केंद्र ने 2.14 लाख गठान बारदानों की स्वीकृति दी है जिसका एडवांस पैसा जमा करने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ को अभी मात्र 86856 गठान बारदाने ही उपलब्ध कराए गये है. भाजपा नेता उसना और बारदाने मामले में केंद्र से राज्य के हितों पर अपनी बात रखने का पहले साहस दिखाये. तब राज्यहित की बात करे. भाजपा नेताओं के बयानबाजी से स्पष्ट हो रहा कि केंद्र की साजिश में छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता भी शामिल है जिसे प्रदेश की जनता और गरीब किसान कभी माफ नहीं करेगा भाजपा की कथनी और करनी में प्रदेश की जनता यह जान चुकी और समझ चुकी है ,
धानखऱीदी जि़ला स्तरीय किसान सहयोग समिति
विजय केशरवानी, विजय पांडे ,वाणी राव . अर्जुन तिवारी ,रश्मि आशीष सिंह .शैलेष पांडे .बैजनाथ चंद्राकर. अटल श्रीवास्तव ,प्रमोद नायक .अरुण सिंह चौहान ,रामशरण यादव .कमला मन हर ,इन ग्रिड मेंक्लाउड, दिलीप लहरिया चंद्र प्रकाश बाजपेई , जगजीत सिंह मक्कड़ ,राजेन्द्र शुक्ला ,विभोर सिंह ,राजेंद्र साहू ,भुवनेश्वर यादव , बिरझे राम सिंगरोल , अनिल टाह , राजेंद्र चावला ,रमेश कौशिक ,विष्णु यादव ,अभय नारायण रॉय,राजकुमार अंचल , रविंद्र सिंह , संतोष कौशिक , राकेश शर्मा,अम्बालिका साहू ,अनिल सिंह चौहान।