कोरबा कोरबा जिले में आंगनबाड़ी केंद्र से मिली स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं से ग्राम चिर्रा की संतोषी को कुपोषण से आजादी मिली है। कोरबा परियोजना के ग्राम चिर्रा की रहने वाली संतोषी का जन्म 23 मार्च 2018 को हुआ। संतोषी के परिवार में उनके पिता सुखनाथ दास और माता सुकमती है। माँ-बाप रोजी मजदूरी करके अपने बच्ची का पालन पोषण करते है। जन्म के समय मे संतोषी का वजन महज 2.8 किलो ग्राम था। जन्म के कुछ समय बाद सामान्य से गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आ गयी थी। इस बात की जानकारी होने पर पास के एलांेग आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता ने गृह भेट किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा जन्म के 6 माह तक केवल माँ का दूध पिलाने का परामर्श दिया गया। सुपोषण चौपाल लगाकर बेहतर खान-पान के उपाय बताए गए तथा सब्जियों और फलों में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों की जानकारी भी दी गयी। आंगनबाडी केंद्र के माध्यम से संतोषी को रेडी टू ईट एवम अन्य पूरक पोषण आहार भी दिया गया। पोषण वाटिका के माध्यम से आंगनबाडी केंद्र द्वारा मुनगा पौधा भेट कर बाड़ी में लगाने के लिए प्रेरित किया गया। आंगनबाडी कार्यकर्ता ने संतोषी को पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों के साथ दूध, अंडा, मछली खिलाने का भी परामर्श दिया। आंगनबाड़ी केंद्र में मिले सलाह एव पूरक-पोषण आहार से मिले लाभ से संतोषी का वजन साढ़े तीन वर्ष की आयु में 12 किलो हो गया है। तीन महीने में संतोषी गंभीर कुपोषण से सामान्य श्रेणी में आ गयी। आंगनबाडी केंद्र से मिले लाभ से संतोषी का परिवार काफी खुश है। संतोषी की माँ सुकमती ने बताया कि आंगनबाडी केंद्र से मिली सुविधाओं के कारण आज हमारी बच्ची कुपोषण से मुक्त हो गयी। स्वास्थ्य विभाग और आंगनबाडी केंद्र से मिली सहायता किसी वरदान से कम नहीं है।