भोपाल संभाग में अचानक तापमान में हुई गिरावट को देखते हुए रबी फसलों में शीतलहर या पाला पड़ने की संभावना बन रही है । संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल श्री बी.एल.बिलैया ने कृषक बंधुओं को सलाह दी है कि पाला से बचाव के लिए फसलों में हल्की सिंचाई करें । पर्याप्त नमी होने से फसलों में नुकसान की संभावना कम होती है । पाला होने की स्थिति में शाम के समय खेत की मेड़ पर धुआँ करें और सिंचाई शाम - रात्रि के समय करें इसके अलावा सल्फर का 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या नहीं तो पाला लगने के तुरंत बाद यानी अगले दिन प्रातः काल ग्लूकोन डी 10 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
संयुक्त संचालक श्री बिलैया ने बताया कि सर्दी के मौसम में पानी का जमाव हो जाता है जिससे कोशिकायें फट जाती है एवं पौधे की पत्तिया सूख जाती है परिणास्वरूप फसलों में भारी क्षति हो जाती है। पालों से पौधों तथा फसलों पर प्रभाव पाले के प्रभाव से पौधों की कोशिकाओं में जल संचार प्रभावित होता है । प्रभावित फसल अथवा पौधे का बहुभाग सूख जाता है जिससे रोग एवं कीट का प्रकोप बढ़ जाता है । पाले के प्रभाव से फल और फूल नष्ट हो जाते है । पाले के प्रभाव से सब्जिया अधिक प्रभावित होती है एवं पूर्णतः नष्ट हो जाती है । जिले के समस्त कृषक बंधुओं को सलाह दी गई है कि उपरोक्तानुसार अपनी फसलो को पाला से बचाव के उपाय अपनायें ।
संयुक्त संचालक श्री बिलैया ने बताया कि सर्दी के मौसम में पानी का जमाव हो जाता है जिससे कोशिकायें फट जाती है एवं पौधे की पत्तिया सूख जाती है परिणास्वरूप फसलों में भारी क्षति हो जाती है। पालों से पौधों तथा फसलों पर प्रभाव पाले के प्रभाव से पौधों की कोशिकाओं में जल संचार प्रभावित होता है । प्रभावित फसल अथवा पौधे का बहुभाग सूख जाता है जिससे रोग एवं कीट का प्रकोप बढ़ जाता है । पाले के प्रभाव से फल और फूल नष्ट हो जाते है । पाले के प्रभाव से सब्जिया अधिक प्रभावित होती है एवं पूर्णतः नष्ट हो जाती है । जिले के समस्त कृषक बंधुओं को सलाह दी गई है कि उपरोक्तानुसार अपनी फसलो को पाला से बचाव के उपाय अपनायें ।
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