भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरु घासीदास की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। गुरु घासीदास को सतनाम पंथ का संस्थापक माना जाता है। समाज में व्याप्त पशु बलि तथा अन्य कुप्रथाओं का वे बचपन से ही विरोध करते रहे। समाज को नई दिशा प्रदान करने में गुरु घासीदास ने अतुलनीय योगदान दिया।
गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसम्बर 1756 ई. में रायपुर ज़िले में गिरौद ग्राम में हुआ, जो अब छत्तीसगढ़ राज्य में है। घासीदास जी की सत्य के प्रति अटूट आस्था थी। गुरु घासीदास के लाखों अनुयायी हैं। घासीदास जी के सात वचन सतनाम पंथ के सप्त सिद्धांत के रूप में प्रतिष्ठित हैं। गुरु जी ने समाज के असहाय लोगों में आत्म-विश्वास और अन्याय से जूझने की शक्ति का संचार किया। उनका मानना था कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति सामाजिक रूप से समान हैसियत रखता है। मानव-मानव में भेद न रखना, सभी मानव का धर्म एक है आदि उनके उपदेश हैं। गुरु घासीदास का निधन 1850 में हुआ।
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