लखनऊ । अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की उसके सहयोगी निषाद पार्टी से ठन गयी है। दरअसल राजधानी लखनऊ में हुई रैली में निषाद समाज के लिए आरक्षण की घोषणा न होने पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा सरकार बनने से पहले निषाद समाज के मुद्दों का हल होगा, तभी उनका फायदा होगा। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि अगर निषादों का वोट चाहिए तो इनका ख्याल रखना होगा।
भाजपा और निषाद पार्टी की संयुक्त रैली में निषाद समाज को आरक्षण दिए जाने के संबंध में घोषणा होनी थी। संजय निषाद भी समाज के लोगों को यह बता कर रैली में लाए थे, लेकिन मंच से घोषणा नहीं हुई। इससे नाराज संजय निषाद का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह को रैली में आरक्षण के संबंध में कुछ न कुछ कहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा। निषाद समाज के लोग मुझ पर भरोसा करके रैली में आए थे। मंच पर मैंने कहा भी कहा था कि भाजपा हमारे मुद्दों की वकालत करती आई है और आज मालिक है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने कहा है कि सरकार बनने पर हमारे मुद्दों का हल होगा, लेकिन कुछ मुद्दों को सरकार बनने से पहले हल करना होगा। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में संजय निषाद ने कहा है कि 2022 में भाजपा को सरकार बनानी है तो निषाद समाज का ख्याल रखना होगा। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि जब गृहमंत्री शाह रैली को संबोधित कर रहे थे, तो हमारे लोग हाथ हिला रहे थे कि आरक्षण नहीं तो वोट नहीं। तब मैंने उनको मना किया। कुछ लोग तो भाजपा के साथ रहने से मना भी कर रहे हैं।