ग्वालियर. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर नमन करने से कांग्रेस भड़क गई है. कांग्रेस ने मंगलवार को रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल को गंगाजल से धोया. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने पुलिस का घेरा तोड़कर रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पुष्पांजलि चढ़ाई, जिसके बाद पुलिस ने राजावत को अभिरक्षा में लिया.कांग्रेस की टीम रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर दोपहर 2 बजे पहुंची. जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता की अगुआई में महिला कांग्रेस समाधि स्थल का गंगाजल से शुद्धिकरण करना चाहती थी. वहां पहले से मौजूद पुलिस और प्रशासन ने महिला कांग्रेस की टीम को समाधि स्थल के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया. अधिकारियों से बात करने के बाद प्रशासन ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता को समाधि पर पुष्पांजलि की अनुमति दी. रुचि ने रानी लक्ष्मीबाई समाधि पर पुष्पांजलि देकर नारेबाजी की. इसके बाद पुलिस ने महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं को समाधि से बाहर किया. जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता ने समाधि के मुख्यद्वार को गंगाजल से धोया और इसके बाद बाकी गंगाजल रानी लक्ष्मीबाई समाधि की ओर उछाल दिया. इस दौरान रुचि ने कहा कि प्रशासन ने सरकार के दबाव में उनको रोक दिया.गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को राज घराने का इतिहास बदल दिया. उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर सिर झुकाकर उन्हें नमन किया. 160 साल के इतिहास में ये पहला मौका था जब सिंधिया राज परिवार का मुखिया रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर उन्हें नमन करने गया हो. सिंधिया के इस कदम से उनके आलोचकों को भी करारा जवाब मिल गया. सिंधिया राज परिवार आजादी के बाद से ही राजनेताओं के निशाने पर रहा है, लेकिन ज्योतिरादित्य के इस कदम से वे चारों खाने चित हो गए.

सिंधिया परिवार की ऐतिहासिक घटना
बता दें, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को एलिवेटेड रोड की साइट का निरीक्षण किया. उसके बाद वे रानी लक्ष्मीबाई समाधि पर इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन देखने पहुंचे थे. यहां पहुंचने के बाद सिंधिया ने प्रजेंटेशन के लिए लगे कैम्प में जाने की बजाए रानी लक्ष्मीबाई की समाधि की तरफ कदम बढ़ाए. सिंधिया को रानी की समाधि पर जाते देख उनके समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर भी पीछे चल दिए. सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर सिर झुकाकर नमन किया. सिंधिया ने समाधि की परिक्रमा की और एक बार फिर से सिर झुकाकर रानी को नमन किया. ये घटना सिंधिया परिवार के लिहाज से ऐतिहासिक है.