नई दिल्ली ।केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि यमुना नदी की जल गणुवत्ता के आकलन से पता चलता है, कि वजीराबाद बैराज पर नदी में अमोनिया का स्तर कभी-कभी बढ़ जाता हैं, और अमोनिया युक्त नाइट्रोजन के स्तर में बढ़ोतरी होने एवं इससे होने वाले प्रदूषण के कारण दिल्ली के कई हिस्सों में जलापूर्ति रुक-रुक कर प्रभावित हुई है। लोकसभा में मनोज तिवारी एवं रवीन्द्र कुशवाहा के प्रश्नों के लिखित उत्तर में शेखावत ने इसकी जानकारी दी।
तिवारी एवं कुशवाहा ने पूछा था कि क्या यमुना नदी में हाल ही में अमोनिया की मात्रा अधिक होने के कारण दिल्ली के अनेक हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित हुई?इसके जबाव में शेखावत ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के चंद्रावल, वजीराबाद और ओखला में स्थित जल शोधन संयंत्र यमुना नदी से आंशिक कच्चे जल को लेते हैं और जब अमोनिया युक्त नाइट्रोजन 1 मिलीग्राम/लीटर के स्तर तक पहुंच जाती है,तब वजीराबाद बैराज से जल लेना रोक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसकारण होता है कि क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा संचालित जल शोधन संयंत्रों में इसतरह के कच्चे जल उपयोग की पर्याप्त प्रारंभिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।


जल शक्ति मंत्री ने कहा कि यमुना नदी के जल गणुवत्ता आकलन से पता चलता है कि वजीराबाद बैराज पर इस नदी में अमोनिया का स्तर कभी-कभी बढ़ जाता है जैसा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा जानकारी दी गई है तथा अमोनिया नाइट्रोजन के स्तर में बढ़ोतरी होने से अमोनिया प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जलापूर्ति रुक-रुक कर प्रभावित हुई है। शेखावत ने बताया कि इससे इन संयंत्रों में 50 मिलियन गैलन प्रतिदिन से लेकर 100 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) तक पेयजल का उत्पादन प्रभावित होता है। मंत्री ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वजीराबाद के ऊपरी बहाव क्षेत्र में 7-13 जनवरी 2021 के दौरान 7 स्थानों और प्रमुख नालों पर यमुना नदी जल गुणवत्ता का आकलन किया गया। हरियाणा-दिल्ली सीमा पर स्थित पल्ला पर 31 मई 2021 से 12 जुलाई 2021 के दौरान और 8-9 नवंबर 2021 और 11 नवंबर 2021 के दौरान सप्ताह में दो बार यह किया गया।