नई दिल्ली । घर में लक्ष्मी आती हैं तो घर उजाला होता है। हमें नई ऊर्जा मिली है। इस ऊर्जा का इस्तेमाल बिहार की जनता की सेवा में लगाएंगे। दोनों परिवार की मर्जी और आशीर्वाद से हमलोग एक हुए हैं। इनका नया नाम राजश्री है। पिता लालू प्रसाद ने यह नया नाम इसलिए दिया है कि किसी को पुकारने में परेशानी नहीं हो। इन्हें (पत्नी की ओर इशारा कर) भी यह नाम पसंद है। तेजस्वी शादी के बाद जब सोमवार को पटना लौटे तो उन्होंने यह उद्गार व्यक्त किया। एक सवाल पर कहा कि किसी को नाराजगी है कि नहीं मुझे नहीं पता। जो लोग कमेंट कर रहे हैं वे बड़े हैं, मुझे कुछ नहीं कहना। हमलोग लोहियावादी हैं। जब ए टू जेड की बात करते हैं तो भेदभाव करना ठीक नहीं है। परिवार में खुशी का पल है। तेजस्वी शादी करने के बाद सोमवार की रात पत्नी के साथ पटना पहुंचे तो एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद आतिशबाजी की बीच नई दुल्हन के साथ तेजस्वी राबड़ी आवास दस सर्कुलर रोड में प्रवेश किये। बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने ढोल बाजे से उनका स्वागत किया तो अंदर मां राबड़ी देवी ने परंपरागत तरीके से बहू का स्वागत किया। कार्यकर्ता भैया-भाभी जिन्दाबाद के नारे लगाते रहे। बाहर निकलने के बाद 15 मिनट का समय सुरक्षाकर्मियों के लिए चुनौतीपूर्ण था। भीड़ इतनी थी कि सुरक्षा के सारे घेरे टूट गये। किसी तरह विधायक व कार्यकर्ताओं के सहयोग से पुलिस ने पत्नी संग तेजस्वी को गाड़ी तक पहुंचाया। एयरपोर्ट गेट के दस कदम दूर खड़ी सजी हुई गाड़ी तक पहुंचने में तेजस्वी को 12 मिनट लगे। दस सर्कुलर रोड के पास जैसे ही तेजस्वी की कार पहुंची आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया। राबड़ी देवी ने बहू को कार से उतारा व परंपरागत तरीके से आरती कर घर में प्रवेश कराया। इधर, बाहर कार्यकर्ताओं को संभालना सुरक्षाकर्मियों के लिए कठिन हो रहा था। सौ को बाहर निकालती तो दौ सौ अंदर चले आते। पटना एयरपोर्ट पर सुबह से ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी नई दुल्हनिया के पटना आगमन को लेकर चर्चाएं गर्म थी। नई जोड़ी विस्तारा के विमान से दिल्ली से 16 मिनट देर से लैंड की। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और राजद नेता भोला सिंह तेजस्वी और उनकी दुल्हन को रिसीव करने के लिए टर्मिनल भवन के अंदर गए। इन दोनों वरीय नेताओं ने दोनों को एयरपोर्ट के अंदर ही शॉल भेंट की। टर्मिनल भवन के बाहर करीब 200 कार्यकर्ता तेजस्वी और उनकी दुल्हन के स्वागत के लिए खड़े थे। ढोल-नगाड़े से दोनों का भरपूर स्वागत किया गया।
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