पटना।  के अब इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएसमें घटना-दुर्घटना में जख्मी मरीजों को इमरजेंसी से नहीं लौटाया जाएगा। उनका मुफ्त में प्राथमिक उपचार किया जाएगा। ऐसे लोगों के लिए इमरजेंसी में आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध कराई गईं हैं। 16 नवंबर को अस्पताल प्रबंधन कमेटी की बैठक के बाद प्रशासनिक उप निदेशक ने अधिसूचना जारी कर दी। अब तक इमरजेंसी में कार्य कर रहे पैथोलोजिकल जांच एजेंसी की छुट्टी कर दी गई है। चार दिसंबर से पूरी तरह आइजीआइएमएस की अपनी लैब से इमरजेंसी के पैथोलोजिकल जांच होंगे।

खाली बेड के अभाव में नहीं लौटाए जाएंगे मरीज

चिकित्सा अधीक्षक डामनीष मंडल ने बताया कि घटना-दुर्घटना के मरीजों को बेड के अभाव में नहीं लौटाया जाएगा। मेडिकल आंकोलाजी डे-केयर की खाली जगह का उपयोग इमरजेंसी वार्ड के लिए किया जाएगा। इमरजेंसी पहुंचने वाले दर्दउल्टीबुखारचमकी बुखार आदि के मरीजों को भी प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इन्हें दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। निजी पैथोलोजिकल जांच एजेंसी को हटा दिया गया है। तीन दिसंबर तक उनकी सेवा हैइसके बाद अपने लैब से इमरजेंसी मरीजों की जांच की जाएगी।

  • इमरजेंसी में मुफ्त प्राथमिक उपचार और दवाइयां कराई जाएंगी उपलब्ध
  • 16 नवंबर को अस्पताल प्रबंधन कमेटी की बैठक के बाद अधिसूचना जारी
  • मेडिकल आंकोलाजी डे-केयर की खाली जगह का उपयोग इमरजेंसी वार्ड में

एंटीजन किट से जांच के बाद भर्ती होंगे मरीज

अब इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों की एंटीजन से ही कोरोना जांच होगी और फिर भर्ती किया जाएगा। आरटी-पीसीआर जांच केवल आपरेशन वाले मरीजों के लिए जरूरी होगी। इसके लिए आवश्यक संख्या में 24 घंटे के लिए तकनीशियन की प्रतिनियुक्ति के निर्देश दिए गए। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में जल्द भर्ती करने की सुविधा आरंभ करने की कवायद करने पर भी सहमति जताई गई। इमरजेंसी में खाली होने वाली सभी बेड की संख्या बड़े एलईडी स्क्रीन पर दिखाने का भी निर्णय हुआ।