मुख्य सचिव, कमिश्नर सहित कलेक्टर भोपाल से एक माह में मांगा जवाबभोपाल | कलेक्टर कार्यालय भोपाल में बीते मंगलवार को हुई जनसुनवाई में काजीपुरा जैन मंदिर रोड़, सर्राफा चैक, भोपाल निवासी आवेदक श्री अंकुश यादव पिता श्री शिवनारायण यादव ने एक शिकायत की। शिकायत में उन्होंने कहा है कि उनकी जुड़वां पुत्रियों में से एक का शासन से मुआवजा प्राप्त हो गया है, लेकिन दूसरी पुत्री की मृत्यु का उल्लेख शासन ने अपने रिपोर्ट कार्ड में नहीं किया। इसलिए मेरी दूसरी पुत्री का नाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दर्ज करते हुए उसकी मुआवजा राशि प्रदान करें। इस पर अपर कलेक्टर, भोपाल ने इस मामले को तत्काल एसडीएम शहर को भेजा और जांचकर उचित कार्यवाही करने को कहा। देर शाम तक श्री अंकुश यादव के बयान भी दर्ज कर लिए गए। अब मुआवजा राशि के लिये प्रकरण बनाकर कलेक्टर कार्यालय को भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि श्री अंकुश यादव की पत्नी श्रीमती रचना यादव ने दो जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था। चंूकि दोनांे जुड़वां बच्चियां समय से पूर्व पैदा हुईं थीं, इसलिये उन्हें हमीदिया अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। अस्पताल में बीते आठ नवम्बर को आग लगने की घटना में श्री अंकुश यादव की दोनों जुड़वां बच्चियों की दुखद मौत हो गई थी।
इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, कमिश्नर, भोपाल तथा कलेक्टर, भोपाल से एक माह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है। आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री जैन ने इन अधिकारियों से पूछा है कि ऐसे प्रकरणों में मुआवजा देने संबंधी क्या नियम है ? साथ ही इन अधिकारियों से यह भी कहा है कि वे आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखें कि आयोग पीड़ित को कितना मुआवजा देने की सिफारिश करे ? पक्ष न रखने पर, आयोग अपने स्वविवेक से इस संबंध में सिफारिश करेगा।
Please do not enter any spam link in the comment box.