भोपाल । चाहे रबी की फसल का सीजन हो या फिर खरीफ की फसल का सीजन। किसान हमेशा यूरिया खाद के लिए परेशान रहता है। अब खाद कंपनियों ने इसका विकल्प नैनो यूरिया के रूप में निकाला है। नैनो यूरिया का आधा लीटर लिक्विड रूप में किसानों को मिलती है। एक आधा लीटर की बोतल एक बोरी यूरिया की कमी को पूरा कर देता है। कृषि विभाग ने भी किसानों से अपील की है कि लिक्विड यानि नैनो यूरिया का उपयोग करें। इससे उनकी कई परेशानियां दूर हो जाएगी।
उन्नत कृषि के लिए हो रहे अनुसंधान के फलस्वरूप किसानों को पारंपरिक दानेदार यूरिया उर्वरक का नया व आसान विकल्प मिला है। कृषि वैज्ञानिकों ने च्च्नैनो तरल यूरियाज्ज् की खोज की है। सरकारी संस्था इफको द्वारा तरल नैनो यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान भाईयों के लिये नैनो तरल यूरिया का उपयोग करना बहुत ही सुविधाजनक और आसान है। एक बोरी दानेदार यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया की मात्र 500 मिलीलीटर की एक बोतल पर्याप्त होती है। जिले के किसान भाईयों से नैनो यूरिया अपनाने की अपील की गई है।
 खेत की मिट्टी पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पारंपरिक यूरिया के मुकाबले नैनो यूरिया पर्यावरण की रक्षा के लिए भी बेहतर है। नैनो यूरिया के इस्तेमाल से खेत की मिट्टी पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। साथ ही अधिक उत्पादन में सहायक है। नैनो यूरिया का परिवहन भी सुविधाजनक रहता है। जिले के सभी विकासखण्डों में सहकारी समितियों व अधिकृत निजी खाद दुकानों पर तरल नैनो यूरिया उपलब्ध है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के परियोजना संचालक आत्मा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक किसान भाई अपने खेतों में प्रति एकड़ के हिसाब से 15 लीटर स्प्रे पम्प में 30 मिलीलीटर नैनो यूरिया की मात्रा डालकर उपयोग कर सकते हैं। तरल नैनो यूरिया के इस्तेमाल से पहले बोतल को अच्छी तरह से हिला लेना चाहिए। किसान भाईयों को तरल नैनो यूरिया का उपयोग फसल में दो बार करना चाहिए। पहला छिड़काव फसल अंकुरण के 30 दिन बाद तथा दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 20 से 25 दिन बाद करना चाहिए। किसानों को सलाह दी गई है कि नैनो यूरिया का छिड़काव करते समय हाथ में दस्ताने और मुह पर मास्क अवश्य पहनें।