रायपुर  आनलाइन (-कामर्सशापिंग वेबसाइटों पर मौत का सामान धड़ल्ले से बिक रहा है। जी हांराजधानी में एक के बाद एक घटनाओं ने इन वेबसाइटों पर हो रही बिक्री पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना किसी लाइसेंस के प्रतिबंधित चाकू-छूरी 10 से अधिक बड़ी-छोटी वेबसाइट होम डिलीवरी कर रही हैं। यह पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है।

जब वेबसाइट पर सामान डिलीवरी कंफर्म हुआतब उसे कैंसिल कर दिया गया। यह केवल हकीकत जानने के लिए किया गया। उल्लेखनीय है कि पुलिस विभाग के सामने कई चौंकाने वाले सच सामने आए हैं। पुलिस ने जांच में जब अपराधियों के घर सहित अन्य जगहों पर तलाशी ली तो चाकू और छूरे का जखीरा हाथ लगा जो -कामर्स वेबसाइट से खरीदे गए थे।

किचन के सामान के नाम पर पहुंच रहा

कुछ साल पहले छोटी दुकानों में अपराधियों को चाकू मिल जाता थालेकिन पुलिस की छापामार कार्रवाई ने दुकानों पर ताला लगा दिया। लेकिन आनलाइन बाजार पूरी तरह से खुला मंच है। जिस साइज की डिमांड की जाती है उसे वकायदा घर तक पहुंचाया जा रहा। कंपनियां इससे बचने के पैंतरे भी अपना रही हैं। पैकिंग बाक्स के ऊपर किचन का सामान लिख कर बेंच रही। यह जानकारी डिलीवरी ब्याय तक को नहीं पता होती है।

इन नामों से बिक रहे चाकू

बटन चाकूट्रेकिंग और कैंपिंग चाकूशिकार चाकूजीवन रक्षा चाकूसेल्फ डिफेंस चाकूचाकू शार्पनरस्प्रिंग चाकू सहित अन्य नामों से चाकू बिक रहे हैं। जिनकी कीमत 300 से लेकर 10 हजार रुपये तक है। साइज के लिए भी कोई पाबंदी नहीं है। पांच इंच से लेकर 10-15 इंच तक के चाकू-छूरे की बिक्री हो रही।

पांच इंच से बड़ा चाकू रखना अपराध

आर्म्स एक्ट के तहत सब्जी काटने वाला चाकू ही रखा जा सकता हैलेकिन वह बटन चाकू नहीं होना चाहिए। पांच इंच से अगर ज्यादा साइज का है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है।

चाकूबाजी रोकने के लिए पुलिस ने लिखा पत्र

राजधानी में सालभर में हत्या और हत्या के प्रयास के मामले देखे जाएं तो काफी ज्यादा है। पकड़े गए आरोपितों से पुलिस ने जब पूछताछ की तो पता चला कि 80 फीसद चाकू आनलाइन मंगवाए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने आनलाइन कंपनियों को पत्र लिखा और उससे बाद चाकू मंगवाने वालों की लिस्ट मंगवाई जाने लगी। और चाकू जब्त किए जा रहे। 600 से ज्यादा चाकू जब्त किए गए हैं।