![](https://pradeshlive.com/uploads/news/202112/index-547.jpg)
जोधपुर । के बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना क्षेत्र में आरटीआई कार्यकर्ता के साथ हुई मारपीट मैं पुलिस को सफलता मिली है।
चार हमलावरों को गिरफ्तार कर पुलिस ने वारदात में उपयोग की गई स्कॉर्पियो को भी जप्त किया है।
वहीं, इस मामले में पीड़ित अमराराम के द्वारा जो बातें कही गई है। वह मानवता को शर्मसार करने के वाली है।
जोधपुर में आरटीआई कार्यकर्ताओं के हितों के लिए काम करने वाली संस्था जागृति ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।
बाड़मेर एसपी दीपक भार्गव ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता के साथ हमले की घटना के बाद गठित 5 टीमों ने 48 घंटे में ही चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी ने जुर्म स्वीकार कर लिया है।
शेष इसमें किन आरोपियों की भूमिका रही है।
कौन लोग थे, जो इस षड़यंत्र में शामिल थे, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
आरोपियों ने बताया कि अमराराम लगातार पंचायत के कामों की शिकायत कर रहा था।
इस कारण उसका अपहरण कर मारपीट की गई।
पीड़ित आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा के अनुसार वह 21 तारीख को जोधपुर से ही बाड़मेर आया था, तभी से यह लोग उसका पीछा कर रहे थे। अमराराम ने बताया कि उसे जबरन उठा कर गाड़ी में डाला और हाथ-पांव बांध दिए। आंखों पर पट्टी बांध 5-6 किमी. दूर सुनसान जगह पर ले गया।
जहां गाड़ी से नीचे पटक कर सभी लोग उसे सरिए, लाठियां, चैन व अन्य हथियारों से हमला करने लगे। सरिए डाले गए, हड्डियां तोड़ दी। दो पैर और एक हाथ तोड़ दिया। पेशाब पीने पर मजबूर किया गया। शरीर के प्राइवेट पार्ट और ऐसे अंगों पर मारपीट की, जिसके असहनीय दर्द को झेल नहीं पाया और बेहोश होकर गिर गया, तब आरोपियों ने मरा हुआ समझ उसी जगह फेंक दिया।
पीड़ित अमराराम के अनुसार उसने कुंपलिया के नरेगा कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी, घटिया क्वालिटी, आवास योजना में गड़बड़झाले की शिकायतें की थी, जिसके बाद कुंपलिया पूर्व सरपंच, वर्तमान सरपंच ने मिलकर उस पर प्राणघातक हमला किया।
एक्टिविस्टों के लिए जागृति संस्थान ने उठाये सवाल
आरटीआई कार्यकर्ताओं के लिए और उनके हितों की रक्षा काम करने वाली संस्था ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
जोधपुर में जागृति संस्थान के संरक्षक और आरटीआई एक्टिविस्ट नंदलाल व्यास ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पीड़ित अमराराम के द्वारा ही आरोपियों के नाम बताए जा रहे हैं तो फिर पुलिस इस मामले में आरोपियों को बचाने में क्यों जुटी है। पुलिस और अपराधियों के बीच सांठ-
गांठ का आरोप लगाते हुए जागृति संस्थान में लगातार कार्यकर्ता एक्टिविस्ट और आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को लेकर रोष व्यक्त किया है।
इन कारणों से हुआ हमला
एक्टिविस्ट अमरा राम गोदारा के द्वारा लगातार पंचायत में हो रही धांधली को लेकर आरटीआई लगाई जा रही थी।अमराराम ने कुंपलिया में सड़क, आवास योजना, नरेगा कार्यों गड़बड़ी की शिकायतें की थी, जिनकी जांच में स्वीकृत राशि से अधिक राशि खर्च करने की बात सामने आई।
इसी तरह एक शराब की दुकान के लाइसेंस से क्षेत्र में चार से पांच दुकानें संचालित होने की बात भी आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा पुलिस को बताई गई थी।
लेकिन यह जानकारी भी दबंगों को और शराब माफियाओं को पता चल चुकी थी।
पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ा
बाड़मेर के थाना गिड़ा इलाके में मंगलवार को आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम जाट के साथ मारपीट करने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ा लिया गया है। जिनसे घटना में प्रयुक्त एक स्कॉर्पियो भी जब्त की गई है। गिरफ्तार आरोपी भूपेंद्र सिंह पुत्र बांका राम जाट (20) व रमेश कुमार पुत्र वेहना राम जाट (20) जगराम की ढाणी परेऊ, खरथा राम पुत्र उम्मेदा राम जाट (28) कुंभलिया एवं आदेश जाट पुत्र लुम्भा राम (25) पिराणी सांईयो की ढाणी परेऊ के रहने वाले हैं। जिनसे घटना में शामिल अन्य व्यक्तियों के संबंध में पूछ-ताछ की जा रही है।
गिड़ा थानेदार लाइन हाजिर, बीट कांस्टेबल सस्पेंड
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बीट कॉन्स्टेबल हरीराम को निलंबित किया गया है। वही गिड़ा थानाधिकारी जयराम चौधरी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामले में जांच अधिकारी को बदल दिया गया है। अब पचपदरा एसएचओ को जांच सौपी गयी है। इधर, जोधपुर रेंज आईजी नवज्योति गोगाई ने पीड़ित अमराराम से मुलाकात की है।
Please do not enter any spam link in the comment box.