नोबेल विजेता एवं म्यांमार की जन नेता आंग सान सू की को चार साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें सेना के खिलाफ असंतोष व कोविड प्रोटोकाल तोड़ने पर दोषी करार पाया गया है। बता दें कि आंग सान सू की के खिलाफ म्यांमार में कई मुकदमे चल रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार, मतदान में धांधली का भी आरोप लगाया गया है। फिलहाल सेना ने उन्हें दो मामलों में दोषी ठहराया है। सैन्य शासन के खिलाफ आवाज उठाने वालों में आंग सान सू की बड़े नेताओं में से एक हैं। यही वजह है कि म्यांमार के अंदर उनकी लोकप्रियता आज भी बरकार है।
सेना द्वारा राजधानी में गठित की गई विशेष अदालत की कार्यवाई से पत्रकारों को दूर रखा गया है। इससे पहले सू की के वकीलों पर मीडिया से बात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बता दें कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद से भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन लोगों की आवाज दबाने के लिए सेना ने हिंसक तरीकों का इस्तेमाल किया था। इस दौरान काफी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी। हलांकि, देश के बहुत से इलाकों में अब भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
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