भरतपुर। भरतपुर में गरीब के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है। भरतपुर में रसद विभाग की ओर से राशन की दुकानों पर सप्लाई किए जाने वाले गेहूं में बड़ा फर्जीवाड़ा मिला है। यहां जिस ठेकेदार द्वारा गेहूं को राशन की दुकानों पर पहुंचाया जाना था वह उसमें मिट्टी मिलाते हुये पकड़ा गया। ठेकेदार के एक अनाधिकृत गोदाम के अंदर गेहूं के कट्टों में मिट्टी मिलाई जा रही थी। गेहूं में मिट्टी मिलाये जाने की सूचना पर उद्योग नगर थाना पुलिस ने गोदाम पर छापा मारकर ठेकेदार के कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल यह पूरा मामला कुल करीब 18000 क्विंटल गेहूं से जुड़ा है। तीन दिन पहले इस मामले की परतें खुली थी। गरीब के गेहूं में मिट्टी मिलाने की यह करतूत देखकर पुलिस और अधिकारी हैरान रह गई। पुलिस की सूचना मिलते ही रसद विभाग के अधिकारी और खाद्य एवं आपूर्ति निगम की मैनेजर मोनिका मीणा भी मौके पर पहुंची। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली। गोदाम के अंदर कट्टों में गेहूं के साथ मिट्टी मिलाकर भरा जा रहा था। खाद्य एवं आपूर्ति निगम की मैनेजर मोनिका मीणा ने बताया कि गेहूं की सप्लाई का ठेका चंद्रावती हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म को दिया गया था। इसके मालिक जितेन्द्र सिंह फौजदार और उनकी पत्नी बीना सिंह हैं। ये विभाग के अधिकृत ठेकेदार हैं। बीना सिंह पूर्व बीजेपी से जिला प्रमुख रही है। जिस गोदाम में यह करतूत पकड़ी गई है वह ठेकेदार का अधिकृत गोदाम नहीं था। विभाग ने ठेकेदार जितेन्द्र की बैंक गारंटी और गोदाम को सीज कर दिया है।
  ठेकेदार की फर्म के खिलाफ उद्योग नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया है। अब उद्योग नगर पुलिस फर्म के एक साल के रिकॉर्ड का खंगाल रही है। पुलिस ने मौके से 280 क्विंटल गेहूं जब्त किया है। वहीं ठेकेदार के अधिकृत गोदाम को भी सीज कर दिया गया है। रसद विभाग राशन डीलरों को देने के लिये ठेकेदार को 18000 क्विंटल गेहूं दे चुका है। लेकिन ठेकेदार ने उसे अभी तक राशन डीलरों को नहीं दिया है। विभाग पूरे मामले की जांच में जुटा है। गोदाम में जिस गेहूं में मिट्टी की मिलावट की जा रही थी वह गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से वितरित किया जाना था। मौके से पकड़ा गया लोकेंद्र खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकृत ठेकेदार का ही कर्मचारी है। मामले की जांच खाद्य एवं आपूर्ति निगम की मैनेजर मोनिका मीणा कर रही हैं। जिला रसद अधिकारी का द्वितीय सुभाष चंद्र गोयल ने बताया कि ठेकेदार को आवंटित किया गया गेहूं राशन डीलरों तक नहीं पहुंचा है। उस मामले की भी जांच की जा रही है कि आखिर वह गेहूं कहां है? जिला कलेक्टर खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।