लोकेशन सिलवानी
रिपोर्टर मनीष नामदेव सिलवानी जिला रायसेन मध्य प्रदेश
एंकर-
मर्यादा पुरुषोत्तम भ्गवान श्रीराम का अवतार
प्रेरणादायक है।
श्रीराम के अवतार से मर्यादा की स्थापना हुई है। इस लिए
उन्हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा जाता है। श्रीराम व भगवान
श्रीकृष्ण में कोई भेद नही है। राम ही कृष्ण है- श्रीकृष्ण ही श्रीराम
है।
यह उद्गार जगतगुरु स्वामी राम स्वरुपाचार्य जी महाराज चित्रकूट धाम
नें श्रीराम कथा के तीसरे दिवस सोमवार को कथा स्थल पर मौजूद श्रद्वालुओं
को संबोधित करते हुए व्यक्त किए । कार्यक्रम को अधोध्या धाम से आए पंडित
अषोक रामायणी सहित अन्य साधु संतो ने भी संबोधित किया।
उन्होने बताया कि किसी भी धार्मिक समागम में भगवान की प्रेरणा के बगैर
कोई भी महापुरुष साधु संत मनीषी मौजूद नहीहो सकता है। भगवान की प्रेरणा
से ही साधु संत ऋषि मुनि महा पुरुष धार्मिक समागम में शामिल हो पाते है।
भगवान श्रीराम प्रतिपल, प्रति क्षण मर्यादा का ध्यान रखते है। मर्यादा के
चलते ही विष्व मे सर्वाधिक लोकप्रियता भगवान श्रीराम को प्राप्त हुई है।
रमानंद सागर के द्वारा प्रसारित की गई रामायण धारावाहिक को देष ही नही
विदेष् में भी सभी समुदाय के द्वारा देखी गई। तथा सर्वाधिक लोक प्रियता
भी मिली। आज भी धारावाहिक देखने पर सुखद अनुभूति होती है।
जगतगुरु स्वामी राम स्वरुपाचार्य जी महाराज ने कहा कि संगठन मे ही शक्ति
होती है। समाज संगठन में शक्ति होने से भगवान प्रकट होते है। धर्मांतरण
कराने वालो पर तंज कसते हुए कहा कि उनके पास आचार विचार नही होते है।
बल्कि वह प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराते है।
उन्होने कहा कि श्रीहराम कथा का यह आयोजन व्यर्थ नही जाए बल्कि यह
कार्यक्रम जिले भर में धर्मांतरण कराने वालो के खिलाफ क्रांति पैदा
करेगा। धर्मांतरण कर चुकने वाले वापिस मूल धर्म मे ंआएगे। यह शब्द, सोच,
समर्पण व्यर्थ नही जाएगे।जगतगुरु ने कहा कि सनातन धर्म के सभी कार्यक्रम
सामूहिक रुप से मनाए जाने चाहिए। तथा कार्यक्रर्मो में सामूहिक उपस्थिति
भी दर्ज कराना चाहिए। ताकि समाज संगठित रहे।
सिलवानी विधायक हुए शामिल
वही आज कथा में सिलवानी विधायक व पूर्व निर्माण मंत्री ठाकुर रामपाल सिंह भी उपस्थित हुए और उन्होंने कथा मैं कथा पंडाल में बैठकर कथा सुनी व धर्म लाभ लिया साथ ही उन्होंने सभी साधु संतों का साल श्रीफल से स्वागत एवं सम्मान भी किया वहीं जगतगुरु द्वारा उनको आशीर्वाद प्रदान किया गया। कथा श्रवण करेन बड़ी संख्सा
में श्रद्वालु पहुंच रहे है।
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