नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार की हाल में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने किसानों से इस मुद्दे पर कांग्रेस की तरफ से पैदा किए जा रहे 'भ्रम' से सावधान रहने की गुजारिश की।
तोमर ने अपने बयान में कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के कल्याण के लिए लाए गए थे, लेकिन किसानों के विरोध के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वापस लेने का फैसला किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नागपुर में दिए गए उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि हमने कृषि कानूनों पर एक क दम पीछे लिया है। लेकिन सरकार हमेशा किसानों के हितों के लिए आगे बढ़कर काम करेगी। सरकार की निरस्त कृषि कानूनों को फिर से लाने की कोई योजना नहीं है। कांग्रेस अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भ्रम फैलाने के नकारात्मक काम में लगी हुई है।
तोमर ने कहा कि 2006 में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को कांग्रेस सरकार ने लागू नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर किसानों के एक साल लंबे चले आंदोलन को खत्म करने के लिए तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि केंद्र विधानसभा चुनावों के बाद तीन कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे के माध्यम से वापस लाने के लिए एक साजिश कर रहा है। ऐसे में लोगों से सरकार को हराकर सबक सिखाना चाहिए।