
जयपुर । मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने शासन सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) के प्राधिकारियों तथा विभागों के सचिवों अथवा विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मुकदमों को 11 दिसंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से सहमति के आधार पर निस्तारण के लिए विशेष तैयारी करें।
उन्होंने कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था में लोक अदालत एक बेहतरीन नवाचार है। विभागाध्यक्षों को लोक अदालत की भावना को मजबूत और सफल बनाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए, ताकि पीडि़तों को न्याय सुलभ हो सके। विभागीय अधिकारियों को इसके लिए समस्त तैयारियां करनी चाहिए, ताकि अधिकाधिक संख्या में मामले निस्तारित हो सकें। कई बार छोटे-छोटे मामले वर्षों तक लंबित रहते हैं। लोक अदालत सरकार के साथ कार्मिकों-अधिकारियों और आमजन को न्यायालयों में लंबित मुकदमों की संख्या घटाने का यह अच्छा अवसर देती हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी विभाग समय रहते लोक अदालत के दौरान निपटाए जा सकने वाले सभी मामलों को चिन्हित करें और उनकी सूचियां प्राधिकरण के साथ साझा करें। साथ ही, विभागीय प्रमुख अपने यहां राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर अदालती मामलों के प्रभारी अधिकारियों के साथ बैठक कर समझौते के माध्यम से निपटाए जाने योग्य प्रकरणों पर आवश्यक विचार विमर्श कर लें। उन्होंने कहा कि नोडल और प्रभारी अधिकारियों को समझौते के योग्य मामलों को निपटाने के लिए यथोचित प्राधिकार भी दिए जाएं। इस विषय में मुख्य सचिव के स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जाएगी। आर्य ने कहा कि सभी विभागों के संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय लोक अदालत से पहले प्राधिकरण द्वारा आयोजित किये जा रहे प्री काउंसलिंग सत्रों में भी अधिकाधिक भागीदारी करनी चाहिए।

Please do not enter any spam link in the comment box.