शिमला । राज्य में कांग्रेस के हाथों शिकस्त खाने के बाद पार्टी में मंथन जारी है।साथ ही सत्ता परिवर्तन की अटकलें लग रही है। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है, कि दिग्गज नेता भी दो बार सरकार नहीं बना सके हैं। उन्होंने कहा कि 1985 के बाद से ही सत्ता हर 5 साल में बदलती रही है।
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में तीन विधानसभा (फतेहपुर, अर्की और जुब्बल कोटाखाई) और मंडी की लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही पार्टी का वोट शेयर भी कम हुआ। करारी शिकस्त के बाद मुख्यमंत्री ठाकुर ने बड़ा बयान देकर हार का ठीकरा एक तरह से केंद्र सरकार पर ही फोड़ा है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और पार्टी के भीतर की गुटबाजी के चलते प्रदेश में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है।इसतरह के नतीजे की उम्मीद नहीं थी।भाजपा के हिमाचल प्रदेश के शीर्ष नेता और पूर्व सीएम पीके धूमल के बेटे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 3 नवंबर को सीएम के बयान से इतर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मंहगाई के मुद्दे पर हम हारे हैं, ऐसा कहना जल्दबाजी होगा, क्योंकि बाकी के राज्यों में तो भाजपा को अच्छा बहुमत मिला है, असम में पांचों सीटें भाजपा की झोली में आई हैं। कर्नाटक में 2 में से एक भाजपा ने जीती है। मध्य प्रदेश में भी कमोबेश यहीं तस्वीर है,तब फिर ऐसा नहीं कहा जा सकता?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हिमाचली जगत प्रकाश नड्डा ने कोई सार्वजनिक स्पष्टीकरण नहीं दिया। इस मामले पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चर्चा नहीं हुई और न ही जयराम ठाकुर द्वारा कोई स्पष्टीकरण दिया गया, जो वस्तुतः राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हुए थे। 2019 में राम स्वरूप शर्मा के प्रतिनिधित्व वाली भाजपा ने मंडी लोकसभा सीट 450,000 मतों के अंतर से जीती। शर्मा की कोरोना से मृत्यु हो गई, जिसके बाद उपचुनाव हुआ। मंडी एक असामान्य लोकसभा सीट है: इसमें 17 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें आदिवासी लाहौल और स्पीति और अपेक्षाकृत विकसित कुल्लू और मनाली शामिल हैं। इसमें सीएम का निर्वाचन क्षेत्र सिराज भी है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 में से केवल तीन जीत सकी थी। एक सीट पर निर्दलीय ने जीत हासिल की और बाकी पर बीजेपी ने जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी हर विधानसभा क्षेत्र में आगे रही। 2021 के चुनाव में भाजपा 17 में से आठ निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल करने में सफल रही और कांग्रेस ने नौ पर जीत हासिल की।