
आयोग अध्यक्ष ने स्वास्थ्य सचिव से कहा- प्रकरण की जांच कराकर रिपोर्ट दें
जबलपुर डाॅक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। लोग इन पर आंख बंदकर भरोसा करते हैं। लेकिन जब धरती के भगवान लापरवाह बन जायें तो क्या कहेंगे ? कुछ ऐसा ही हुआ डेढ़ साल की मासूम सौरभी के साथ। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज, जबलपुर के जूनियर डाॅक्टर एवं नर्स की बदसलूकी के कारण मासूम सौरभी की मौत हो गई। मां-बाप की इकलौती सौरभी इस तरह से चली जायेगी, उन्होंने कभी सोचा नहीं था। जानकारी के अनुसार लक्ष्मीपुर, बड़ी उखरी, जबलपुर निवासी श्री सुमित बर्मन ने अपने डेढ़ साल की बेटी सौरभी को गरम पानी से जलने पर बीते सप्ताह गुरूवार को मेडिकल काॅलेज, जबलपुर में भर्ती कराया था। दो दिन भर्ती होने के बाद भी मासूम को जब मेडिकल अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिला, तो सुमित ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराना चाहा, लेकिन मेडिकल से डिस्चार्ज होते ही उनकी बेटी ने दम तोड दिया। जिस दिन बच्ची को एडमिट किया गया था, उसी रात बच्ची को ज्यादा तकलीफ हुई, तो सुमित डाॅक्टर और नर्स के पास पहुंचे थे। वह अपने कमरे में सो रहे थे। दो बार आवाज लगाई नहीं उठे। रूम में अंदर जाकर हिलाकर उठाया, तो कहा - तू बाहर जा, रात में दो बजे क्यों उठा रहा है ? इसके बाद एक नर्स ने भी अभद्रता करते हुये पत्नी से कहा घर से जलाकर ले आये हो, यहां नाटक कर रहे हो।
इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भोपाल तथा नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज, जबलपुर के अधीक्षक से चार सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है। आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति जैन ने स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि प्रकरण की जांच कराकर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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