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बैतूल जिले में दो साल पहले अपनी ही बेटियों को कुएं में फेंक कर मार डालने वाली महिला को अदालत ने आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। दो साल पहले इस महिला ने आधी रात को अपने घर के पास पड़ोसी के कुएं में दो मासूम बेटियों को कुएं फेंक कर खत्म कर दिया था और पति के सामने अपने जुर्म को स्वीकार कर लिया था।
बताया जाता है कि बैतूल जिले की आमला तहसील में दो साल पहले दो नवंबर 2019 को अशोक मोडक की पैंतीस साल की पत्नी सीमा ने रात को करीब दो बजे मासूम बेटियों सात साल की पलक व पांच साल की परी को कुएं में फेंक दिया था। दोनों बेटियों को सीमा ने बहाने से पड़ोसी चंद् बाघदरे के कुएं के पास ले जाकर उसमें धकेल दिया था। इसके बाद रात को उसने पति अशोक को अपना जुर्म कुबूल कर सुनाया तो वह ग्रामीणों की मदद से बेटियों को कुएं से निकालने का प्रयास करने लगा। मगर रात को ग्रामीणों को बेटियां पता नहीं चला और सुबह पुलिस ने पलक व परी के शवों को कुएं से बाहर निकालकर सीमा के खिलाफ हत्या का प्रकरण कायम किया।
हत्या के पीछे कारण पारिवारिक कलह
सीमा और अशोक के बीच पारिवारिक कलह चल रही थी जिसका नतीजा यह घटना होना बताया जाता है। सीमा को अपने पति पर संदेह था कि उसके जेठानी से संबंध हैं। इसी को लेकर उनके बीच अच्छे संबंध नहीं थे और आए दिन अनबन होती रहती थी।
25 महीने में फैसला
एजीओ राजेश साबले ने लाइव हिंदुस्तान को बताया कि यह मामला आमला के श्रंखला कोर्ट में यह मामला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार भलावी की अदालत में चल रहा था। सोमवार को इसमें न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए सीमा को आजीवन कारावास के साथ पांच-पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
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