नई दिल्ली। फर्जी संदेश फैलाकर मतदाताओं को गुमराह करने के मामले को चुनाव आयोजन ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस प्रकरण को लेकर मुकदमा दर्ज करा दिया है। वहीं दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने भी कोर्ट से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति ली है। साइबर सेल अब ऐसे लोगों की कुंडली खंगाल रहा है। साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक कुछ लोगों द्वारा इंटरनेट मीडिया पर फर्जी संदेश वायरल किया जा रहा है। इसमें कहा जा रहा है किसी भी चुनाव के दौरान वोट नहीं डालने पर चुनाव आयोग वोटरों के खाते से 350 रुपये काट लेगा।
इस मामले की जांच के लिए सेल में कई अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है। शिकायत में आयोग ने कहा है कि इस तरह की अफवाह फैलाना गंभीर अपराध है। उक्त संदेशों से आम जनता में दहशत फैल सकती है। इस तरह के फर्जी संदेश इंटरनेट मीडिया पर चल रहे हैं। साइबर सेल अब जल्द इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों के अधिकारियों से उक्त फर्जी संदेश प्रसारित करने वाले व्यक्तियों के बारे में जानकारी मांगेगी। आयोग की शिकायत पर सेल ने धारा 171-जी (चुनाव के संबंध में झूठा बयान) की धारा के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पूर्वी जिले की एएटीएस ने दो हथियार तस्करों को गिरफ्तार कर सात कट्टे और हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। आरोपितों की पहचान अलीगढ़ के रायपुर खास निवासी शैलेश कुमार और कासगंज के अहरौली निवासी मोहम्मद हनीफ उर्फ मुल्ला के रूप में हुई है। मो. हनीफ ने अपने गांव में हथियार बनाने की मिनी फैक्ट्री खोल रखी थी। पुलिस के मुताबिक पहली दिसंबर को एएटीएस को सूचना मिली थी कि हथियार तस्कर अवैध हथियार लेकर अपोलो अस्पताल, सरिता विहार के पास आने वाला है।
इस पर पुलिस ने सरिता विहार सीएनजी पंप पर टीम को तैनात कर दिया। जांच के दौरान एक संदिग्ध बाइक सवार को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वह भागने लगा, लेकिन वह फिसलकर गिर गया। पुलिस ने तलाशी ली तो उसके पास से पांच कट्टे मिले। आरोपित की पहचान शैलेश कुमार के रूप में हुई। उसने बताया कि वह मोहम्मद हनीफ से अवैध हथियार खरीदता है। तीन दिसंबर को पुलिस ने कासगंज से मो. हनीफ को गिरफ्तार कर उससे दो पिस्तौल और हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए। हनीफ ने बताया कि वह हथियार बनाकर दिल्ली में बेचता है।
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