नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी लगातार देश भर में दौरे कर रही हैं और गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों से मुलाकात कर एक अलग ही मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। इस बीच उन्होंने मुंबई में सिविल सोसायटी के सदस्यों से बात करते हुए भाजपा को 2024 के आम चुनाव में हराने का भी प्लान बताया। ममता बनर्जी ने कहा, 'यदि सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आते हैं तो फिर भाजपा को हराना आसान होगा।' इस तरह उन्होंने साफ संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उनका कुछ और क्षेत्रीय दलों को जोड़ने का प्लान होगा। ममता बनर्जी ने मंगलवार को ही एनसीपी के चीफ शरद पवार और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे से मुलाकात की थी। ममता बनर्जी इससे पहले गोवा भी गई थीं, जहां उन्होंने पूर्व सीएम लुईजिन्हो फलेरियो समेत कांग्रेस को कई नेताओं को टीएमसी में शामिल कराया है। इसके अलावा हाल ही में दिल्ली दौरे में उन्होंने बिहार कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद और हरियाणा के नेता एवं राहुल गांधी के करीबी अशोक तंवर को भी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। जेडीयू से पवन वर्मा और भाजपा के पूर्व सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा भी अब टीएमसी का हिस्सा हैं। इस तरह तृणमूल कांग्रेस ने लगातार अपने अभियान को आगे बढ़ाया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ कमजोर बताते हुए लगातार हमला बोला है। यहां तक कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी भाजपा पर खुलकर हमला कर चुके हैं। यही नहीं अपने हालिया दौरे में सोनिया गांधी से मुलाकात न करने को लेकर जब सवाल पूछा तो उन्होंने तंज किया कि क्या यह संविधान में लिखा है कि उनसे हर बार मिलना है। यही नहीं टीएमसी ने ममता बनर्जी को 2024 के चुनाव में विपक्ष के चेहरे के तौर पर पेश करने का फैसला लिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी खुद को पीएम फेस के तौर पर पेश करना चाहती हैं, इसीलिए वह राहुल गांधी और कांग्रेस को भाव देने के मूड में नहीं हैं। इसी रणनीति के तहत वह देश भर में उन राज्यों में घूम रही हैं, जहां कांग्रेस का संगठन कमजोर है या फिर वह भाजपा के मुकाबले खड़े होने की स्थिति में नहीं है।