भोपाल | मप्र विधानसभा में शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। आज सदन में कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने चक्रानुक्रम आधार पर चुनाव  करानेपरिसीमन निरस्त करने और ओबीसी आरक्षण को लेकर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने पर सहमति जताई।

सदन में ओबीसी आरक्षण पर प्रश्नकाल रोककर चर्चा चर्चा कराई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने प्रश्नकाल शुरू होते ही यह विषय उठाया और कहा कि ओबीसी आरक्षण का विषय बहुत महत्वपूर्ण है इस पर तत्काल चर्चा कराई जानी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि करोड़ों लोगों से जुड़ा हुआ विषय हैइससे बड़ा कोई विषय नहीं है। करोड़ों लोगों का भविष्य खतरे में हैं अविलंब इस पर चर्चा शुरू कराई जाए लेकिन उन्होंने एक निवेदन और किया की चर्चा गंभीर हैइसलिए सदन की गरिमा का ध्यान रखा जाए बीच में रोका टोकी ना हो और जब मैं बोलूं तो मुझे भी शांति से सुना जाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि जब नेता सदन अपनी बात रखें तो शोर-शराबा ना करें और बाहर भी ना जाएं। इस परंपरा को रोकें और उनको भी सुनें।

इस दौरान कांग्रेस की ओर से सदन में एक बड़ी मांग रखी गई। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष से की मांग की कि मप्र विधानसभा में पारित कराया जाए अहम प्रस्ताव। सुप्रीम कोर्टसंघ लोक सेवा आयोग जैसे संगठनों में भी लागू होना चाहिए ओबीसी आरक्षण। मप्र सरकार ये प्रस्ताव विधानसभा में पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजा जाए।

इससे पहले आज सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ओबीसी वर्ग के साथ कांग्रेस ने जो पाप किया हैवह विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाने से दब नहीं जाएगा। सरकार नियम प्रक्रिया के अनुसार सदन में हर चर्चा के लिए तैयार है।