बिलासपुर। लिंक रोड स्थित जमीन को हड़पने के लिए चचेरे भतीजों ने महिला का फर्जी वकालतनामा लगाकर धोखाधड़ी की। साथ ही अपनी बुआ का पता भी न्यायालय में गलत बताया। न्यायालय के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। इसके बाद गिरफ्तारी से बचने आरोपित ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
यदुनंदन नगर रहने वाली मीनाक्षी बंजारी के नाम पर जूना बिलासपुर में लगभग 1.20 एकड़ जमीन थी। जमीन को अपने नाम करने के लिए महिला के चचेरे भतीजे संजय भिवगड़े व मनोज भिवगड़े ने कूटरचना करते हुए राजस्व मंडल में जमीन अधिकार के लिए अपील लगा दी। दोनों भाइयों ने चचेरी बुआ को धोखे में रखते हुए उनका गलत पता राजस्व मंडल में दिया। साथ ही ऐसे अधिवक्ता से वकालतनामा दाखिल कराया, जिसका कोई रिकार्ड जिला अधिवक्ता संघ के पास नहीं है।
दोनों आरोपितों ने साजिश के तहत राजस्व मंडल में की गई अपील की सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे। इससे मामला खारिज हो गया। इसके बाद मामले को फिर से न्यायालय में लगाकर महिला का फर्जी वकालतनामा पेश कर दिया। फैसले को प्रभावित करने के लिए महिला के वकील को न्यायालय में अनुपस्थित बताया। इसके बाद दोनों भाइयों ने तहसील कार्यालय में भी गैर पंजीकृत वकील के नाम से मामला लगाकर जमीन पर मालिकाना हक साबित कर लिया। इसकी जानकारी होने पर महिला ने थाने में शिकायत की।
थाने में सुनवाई नहीं होने पर महिला ने प्रथम सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में परिवाद दायर किया। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने दोनों भतीजों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इस बीच गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों भतीजों ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी।
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