कौरू, विश्व के सबसे बड़े और अब तक का सबसे ज्यादा ताकतवर स्पेस टेलीस्कोप शनिवार को अपने अभियान पर रवाना हो गया। दुनिया के सबसे बड़ा यह टेलीस्कोप ब्रह्माण्ड के कई अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने में वैज्ञानिकों की मदद कर सकता है। यह पहले तारों, आकाशगंगाओं की खोज और जीवन के संकेतों का पता लगाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की 'जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप' को दक्षिण अमेरिका के उत्तर-पूर्वी तट स्थित फ्रेंच गुयाना अंतरिक्ष केंद्र से क्रिसमस की सुबह यूरोपीय रॉकेट 'एरियन' के जरिए अंतरिक्ष के लिए रवाना किया गया। यह टेलीस्कोप अपने कक्षा तक पहुंचने में 16 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा जो कि चंद्रमा से चार गुना अधिक दूर है।
इसे वहां पहुंचने में एक महीने का समय लगेगा और फिर अगले पांच महीनों में यह ब्रह्मांड की पड़ताल शुरू करने के लिए तैयार हो जाएगा। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि यह हमें हमारे ब्रह्मांड और उसमें हमारे स्थान की बेहतर समझ देने जा रही है कि हम कौन और क्या हैं।
हालांकि, उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा था, 'जब आप एक बड़ा पुरस्कार चाहते हैं, तो आपके सामने आमतौर पर एक बड़ा जोखिम होता है।' एरियनस्पेस के मुख्य कार्याधिकारी स्टीफन इज़राइल ने प्रक्षेपण से कुछ मिनट पहले कहा, हम आज सुबह मानवता के लिए प्रक्षेपण कर रहे हैं।नासा ने यूरोपीय और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर 7 टन का नया टेलीस्कोप बनाने और लॉन्च करने के लिए पार्टनशिप की थी। 1990 दशक से लेकर इसमें अब तक 29 देशों के हजारों लोग इस पर काम कर रहे थे।
Please do not enter any spam link in the comment box.